सुकमा सीमा पर बड़ी मुठभेड़: आंध्र पुलिस ने तीन वांछित नक्सलियों को किया ढेर

आंध्र प्रदेश, 18 जून 2025:
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले और आंध्र प्रदेश की सीमा से लगे मारेडवेल्ली के घने जंगलों में रविवार को हुई एक बड़ी मुठभेड़ में आंध्र प्रदेश पुलिस की स्पेशल ग्रेहाउंड्स यूनिट को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने तीन कुख्यात वांछित नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मारे गए नक्सलियों में तेलंगाना राज्य समिति का सदस्य गजरला रवि उर्फ उदय, महिला नक्सली अरुणा उर्फ रावी वेंकट चैतन्य, और एरिया कमेटी सदस्य अंजू शामिल हैं।


देवीपट्टनम के जंगलों में हुई मुठभेड़

यह मुठभेड़ पीएस मारेडुमिली थाना क्षेत्र के कोंडामोडालू गांव के पास देवीपट्टनम वन क्षेत्र में हुई, जहां नक्सलियों की मूवमेंट की गुप्त सूचना पर स्पेशल ऑपरेशन चलाया गया था। घटना सुबह शुरू हुई और कई घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया। जवाबी कार्रवाई में तीन नक्सली मारे गए।


गजरला रवि: संगठन का रणनीतिक मास्टरमाइंड

गजरला रवि, जो कि आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल ज़ोनल कमेटी (AOBSZC) का सचिव था, नक्सली संगठन का शीर्ष नेतृत्वकर्ता था। वह सेंट्रल कमेटी (CCM) स्तर का कैडर था और तेलंगाना राज्य समिति का भी हिस्सा था। उस पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था। रवि को संगठन में रणनीतिक फैसलों का मास्टरमाइंड माना जाता था।


अरुणा: नक्सली चलपति की पत्नी और सक्रिय महिला कमांडर

दूसरी मारी गई नक्सली अरुणा, जो मारे गए केंद्रीय कमेटी सदस्य चलपति की पत्नी थी, लंबे समय से नक्सली नेटवर्क में सक्रिय थी। उस पर 20 लाख रुपये का इनाम था। वह संगठन की महिला शाखा की प्रमुख चेहरा मानी जाती थी और माओवादी विचारधारा के प्रचार, संगठन की भर्ती और रणनीति संचालन में अहम भूमिका निभाती थी।


अंजू: स्थानीय स्तर की रणनीतिक योजनाकार

तीसरी नक्सली अंजू, संगठन की एरिया कमेटी सदस्य (ACM) थी। वह स्थानीय स्तर पर रणनीतिक अभियानों और नेटवर्किंग में शामिल थी। अंजू को माओवादी संगठन के फील्ड ऑपरेशन और रसद नेटवर्क में एक प्रभावशाली किरदार के रूप में जाना जाता था।


मुठभेड़ में बरामद हुआ भारी असलहा

घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने दो AK-47 राइफलें, गोला-बारूद, नक्सली दस्तावेज और अन्य सामग्री बरामद की है। ऑपरेशन को बेहद गुप्त रूप से अंजाम दिया गया, जिससे नक्सलियों को कोई बचने का मौका नहीं मिला।


पुलिस की रणनीतिक योजना से सफल हुआ ऑपरेशन

अल्लूरी सीताराम राजू जिले के एसपी अमित बरदार ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि,

“यह ऑपरेशन लंबे समय से खुफिया सूचना पर आधारित था। रविवार सुबह नक्सलियों की मूवमेंट का इनपुट मिलते ही ऑपरेशन को तुरंत अंजाम दिया गया। सुरक्षा बलों ने पूरी सतर्कता और रणनीति के साथ मुठभेड़ को अंजाम दिया।”


बड़ी वारदात को अंजाम देने की थी योजना

सूत्रों के अनुसार, मारे गए नक्सलियों की योजना बड़ी नक्सली वारदात को अंजाम देने की थी। परंतु समय रहते सुरक्षाबलों की सजगता ने इसे विफल कर दिया। गजरला रवि की मौत को नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।


निष्कर्ष: संगठन को बड़ा नुकसान

यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी कामयाबी है। तीन बड़े नक्सलियों के मारे जाने से संगठन को रणनीतिक, मनोवैज्ञानिक और लॉजिस्टिक तीनों स्तरों पर भारी नुकसान पहुंचा है। छत्तीसगढ़ और आंध्र की संयुक्त सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान और तेज़ हो सकते हैं।