दुर्ग जिले में ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान’ के तहत 20 से 27 जून तक ग्राम स्तरीय लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन

दुर्ग, 18 जून 2025: आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार 15 जून से 30 जून 2025 तक ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान’ के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी जनजागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य पात्र हितग्राहियों को उनके व्यक्तिगत हक और सरकारी योजनाओं के लाभों से पूरी तरह संतृप्त करना और इसके प्रति जनजागरूकता पैदा करना है।

इस अभियान की विशेषता यह है कि ग्राम स्तर पर पहुंचकर प्रत्यक्ष रूप से सेवा प्रदाय किया जाएगा, जिससे अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ सरलता से पहुँच सके।


शिविरों की तिथि और स्थान:

जिले में 20 जून से 27 जून के मध्य विभिन्न ग्राम पंचायतों में क्लस्टर स्तरीय शिविरों का आयोजन होगा:

  • 📍 ग्राम पंचायत डगरिया – 20 जून 2025
  • 📍 ग्राम पंचायत नवागांव – 23 जून 2025
  • 📍 ग्राम पंचायत सेमरिया – 25 जून 2025
  • 📍 ग्राम पंचायत अकतई – 27 जून 2025

प्रमुख सेवाएँ और लाभ:

इन शिविरों में 17 प्रकार की महत्वपूर्ण सेवाएँ और व्यक्तिगत लाभ ऑन-द-स्पॉट प्रदान किए जाएंगे, जिनमें प्रमुख हैं:

  • आधार कार्ड से संबंधित सेवाएं
  • आयुष्मान भारत योजना का पंजीयन और कार्ड वितरण
  • जाति प्रमाण पत्र का बनाना और वितरण
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पंजीयन/सत्यापन
  • जनधन खाता खोलना
  • शासकीय योजनाओं की पात्रता जांच और मार्गदर्शन
  • आवास, पेंशन, खाद्यान्न वितरण से संबंधित सहायता
  • स्कूल छात्रवृत्ति, छात्रावास प्रवेश, और हेल्थ चेकअप सुविधा

प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ और प्रबंधन:

इस अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रशासनिक स्तर पर भी व्यापक तैयारियाँ की गई हैं:

  • मुख्य नोडल अधिकारी: श्री बजरंग दुबे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दुर्ग
  • सहायक नोडल अधिकारी: श्री हेमंत कुमार सिन्हा, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग, दुर्ग

इसके अतिरिक्त:

  • ग्राम पंचायत डगरिया, नवागांव और सेमरिया के शिविरों के लिए जनपद पंचायत धमधा के CEO प्रभारी नियुक्त
  • ग्राम पंचायत अकतई के शिविर हेतु जनपद पंचायत पाटन के CEO को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।

निष्कर्ष:

‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान’ एक जनकेंद्रित, पारदर्शी और सेवा-उन्मुख प्रयास है, जिसका उद्देश्य शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कर, हर पात्र नागरिक को उसका अधिकार दिलाना है। यह अभियान सामाजिक समावेशिता और जागरूक नागरिकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।