“फरार कारोबारी या साजिश का शिकार? चोकसी के दावे ने मचाया अंतरराष्ट्रीय बवाल!”

लंदन/नई दिल्ली, 17 जून 2025 — पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी और भारत में वांछित व्यवसायी मेहुल चोकसी ने भारत सरकार और पांच अन्य व्यक्तियों के खिलाफ लंदन की हाई कोर्ट में “अवैध अपहरण, यातना और जबरन प्रत्यर्पण” की साजिश के आरोप में मुकदमा दायर किया है।

यह मामला 16 जून 2025 को न्यायमूर्ति फ्रीडमैन के समक्ष एक मामला प्रबंधन सुनवाई (case management hearing) के दौरान पेश हुआ, जहां चोकसी की ओर से यह दावा किया गया कि मई 2021 में उनका अपहरण कर यातनाएं दी गईं, और यह सब भारत सरकार द्वारा योजनाबद्ध था।


🧷 भारत सरकार ने आरोपों को किया खारिज

भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इस मुकदमे का उद्देश्य भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बदनाम करना और प्रत्यर्पण से बचना है। भारत की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी:

“यह दावा भारत को शर्मिंदा करने और चोकसी के प्रत्यर्पण को टालने के लिए किया गया है। इस पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए।”

भारत ने U.K. हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर आपत्ति जताई है, साथ ही “राज्य प्रतिरक्षा” (State Immunity) का हवाला दिया है। इसके अतिरिक्त, भारत ने मांग की है कि मामले में भारतीय कानून और संविधान के विशेषज्ञ गवाहों की गवाही को स्वीकार किया जाए।


🕵️‍♂️ चोकसी के गंभीर आरोप

चोकसी के वकील एडवर्ड फिट्ज़गेराल्ड के अनुसार, मई 2021 में एंटीगुआ से डोमिनिका ले जाने के प्रयास के पीछे भारत सरकार और पांच व्यक्तियों की साज़िश थी।

“इन सभी आरोपियों ने अवैध तरीकों से चोकसी के खिलाफ हमले, मारपीट, झूठे कैद, अवैध हिरासत और स्वतंत्रता पर प्रतिबंध जैसे कृत्य किए।”

चोकसी की याचिका में इसे “unlawful means conspiracy” कहा गया है।


📍 चोकसी वर्तमान में कहां है?

मेहुल चोकसी वर्तमान में बेल्जियम की हिरासत में है और भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। उसकी ओर से यह केस, भारत से प्रत्यर्पण को रोकने की एक रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।


🧑‍⚖️ निरव मोदी का मामला भी जारी

इसी मामले से जुड़े मेहुल चोकसी के भांजे निरव मोदी अभी भी लंदन की जेल में हैं। भारत की CBI, ED और अन्य एजेंसियों ने उनके खिलाफ तीन आपराधिक मामलों में कार्यवाही की है:

  1. CBI का बैंक धोखाधड़ी मामला
  2. ED का मनी लॉन्ड्रिंग केस
  3. CBI साक्ष्य और गवाहों से छेड़छाड़ का मामला

हालांकि अप्रैल 2021 में ब्रिटेन की तत्कालीन गृह सचिव प्रीति पटेल ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था, लेकिन गोपनीय बाधा (संभवत: शरण की अर्जी) के कारण अब तक प्रत्यर्पण नहीं हो पाया है।


📌 निष्कर्ष

मेहुल चोकसी द्वारा लंदन हाई कोर्ट में भारत सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर करना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की न्यायिक प्रतिष्ठा, प्रत्यर्पण प्रक्रिया और कूटनीतिक संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है। वहीं भारत सरकार ने इसे राजनीतिक बदनाम करने की कोशिश करार दिया है।