रायपुर, 15 जून 2025:
छत्तीसगढ़ में श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में नई उड़ान देने वाली मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पंजीकृत श्रमिकों के 10वीं और 12वीं की परीक्षा में टॉप 10 में स्थान पाने वाले 31 मेधावी छात्रों को दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा,
“हम श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। आपका स्नेह और सहयोग ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हम सब मिलकर एक विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करेंगे।”
19.71 करोड़ रुपए की सहायता सीधे खातों में
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत 38,200 निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत 19.71 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई श्रमिक परिवार का बच्चा विदेश में पढ़ाई करना चाहता है, तो 50 लाख रुपए तक की सहायता का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नवाचार आधारित नीतियों को बढ़ावा दे रही है, जिससे 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
श्रमिकों के लिए ऐतिहासिक निर्णयों का उल्लेख
मुख्यमंत्री साय ने श्रम मंत्रालय में अपने केंद्रीय राज्य मंत्री कार्यकाल की यादें साझा करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से यूनिवर्सल पीएफ नंबर की शुरुआत हुई, जिससे बार-बार क्लेम की समस्या खत्म हुई। साथ ही 27 हजार करोड़ रुपए की अन्क्लेम्ड पीएफ राशि का उपयोग श्रमिकों के हित में करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था।
श्रमिकों की सफलता की कहानियाँ
कार्यक्रम में योजना से लाभान्वित बच्चों ने मंच पर अपनी सफलता की कहानी सुनाई।
- हीरा सिंह, सूरजपुर के भैयाथान से, जो अब जूनियर डेटा साइंस डेवलपर बन चुके हैं, को 4.10 लाख रुपए की सहायता मिली।
- अमलेंद्र पैंकरा, बीटेक के अंतिम वर्ष में हैं और मजदूर परिवार से होने के बावजूद योजना से कॉलेज की फीस भर पा रहे हैं।
- दीपक पैंकरा, जो आईआईआईटी रायपुर में पढ़ रहे हैं, उन्होंने बताया कि योजना से उन्हें लगभग 4 लाख रुपए की सहायता मिली।
अनेक योजनाओं के तहत दी गई आर्थिक मदद
कार्यक्रम में अन्य योजनाओं के तहत भी बड़ी संख्या में श्रमिकों को सहायता प्रदान की गई:
योजना का नाम | लाभार्थियों की संख्या | सहायता राशि |
---|---|---|
मिनीमाता महतारी जतन योजना | 1,915 | ₹3.83 करोड़ |
मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना | 279 | ₹10.33 लाख |
श्रमिक औजार सहायता योजना | 6,319 | ₹2.19 करोड़ |
सिलाई मशीन योजना | 12 | ₹94,800 |
नौनिहाल छात्रवृत्ति | 4,825 | ₹96.17 लाख |
मेधावी शिक्षा सहायता योजना | 155 | ₹37.63 लाख |
दीर्घायु सहायता योजना | 2 | ₹40,000 |
सुरक्षा उपकरण सहायता | 4,939 | ₹74.08 लाख |
खेल प्रोत्साहन योजना | 1 | ₹50,000 |
दीदी ई-रिक्शा योजना | 7 | ₹7 लाख |
मृत्यु व दिव्यांग सहायता | 264 | ₹2.64 करोड़ |
नोनी सशक्तिकरण योजना | 2,486 | ₹4.97 करोड़ |
सियान सहायता योजना | 372 | ₹74.40 लाख |
गणवेश व कॉपी सहायता | 15,066 | ₹2 करोड़ |
निर्माण श्रमिक आवास योजना | 25 | ₹25 लाख |
आगे की योजनाएँ
- 5 रुपये में भरपेट भोजन: शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत 17 जिलों में 46 केंद्रों में यह सुविधा दी जा रही है, जिसे जल्द अन्य जिलों में विस्तारित किया जाएगा।
- निःशुल्क कोचिंग सुविधा: श्रमिक बच्चों के लिए जल्द ही निःशुल्क कोचिंग की शुरुआत होगी।
उद्योग और श्रम मंत्रियों का योगदान
उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि “मोदी की गारंटी” के सभी वादे इन डेढ़ वर्षों में पूरे किए गए हैं। वहीं श्रम मंत्री और कर्मकार मंडल अध्यक्षों ने बताया कि प्रदेश में 31 जनकल्याणकारी योजनाएं सक्रिय हैं, जो 29.47 लाख श्रमिकों को लाभ दे रही हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि श्रम विभाग की योजनाओं की जानकारी अन्य जरूरतमंदों तक पहुँचाएं, ताकि अधिक से अधिक श्रमिक लाभान्वित हो सकें।
