धुबरी, असम | 14 जून 2025
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को धुबरी जिले में रात के समय ‘देखते ही गोली मारने’ (Shoot-at-sight) के आदेश जारी किए हैं। यह सख्त निर्णय हनुमान मंदिर के पास लगातार गोवंश के सिर फेंकने की घटनाओं के बाद बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए लिया गया है।
पहली घटना बकरीद (Eid-al-Adha) के अगले दिन 7 जून को सामने आई जब मंदिर परिसर में गाय का सिर पाया गया। शुरू में हिंदू और मुस्लिम समुदायों ने शांति की अपील की, लेकिन अगले ही दिन फिर से एक गोवंश का सिर मंदिर के पास मिलने से स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद इलाके में रात के समय पथराव की घटनाएं भी हुईं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, RAF और CRPF की तैनाती की गई है। पहले धारा 144 भी लगाई गई थी जिसे बाद में हटाया गया, लेकिन तनाव बरकरार है।
मुख्यमंत्री सरमा ने धुबरी पहुंचकर हालात का जायजा लिया और कहा, “जो मंदिरों और धार्मिक स्थलों को अपवित्र करता है, उनके प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।” उन्होंने एक सांप्रदायिक समूह को माहौल बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल से हजारों गोवंश धुबरी में ईद से पहले लाए गए, और इस मामले में ‘बीफ माफिया’ की भूमिका है। उन्होंने इसे एक नए आपराधिक नेटवर्क की साजिश करार देते हुए पूर्ण जांच के आदेश दिए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘नवीन बंगला’ नामक एक संगठन पर आरोप लगाया कि उसने धुबरी को बांग्लादेश में मिलाने जैसे भड़काऊ पोस्टर लगाए हैं। उन्होंने कहा, “असामाजिक तत्व ऑनलाइन और जमीनी स्तर पर साम्प्रदायिक फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री सरमा ने सख्त शब्दों में कहा, “यदि रात में कोई पत्थरबाजी करता है और पुलिस को संदेह होता है, तो गोली मार दी जाएगी।” उन्होंने भविष्य में ईद के अवसरों पर स्वयं धुबरी में सुरक्षा की निगरानी करने का संकल्प भी जताया।
उन्होंने कहा, “हम किसी भी समुदाय के एक वर्ग को राज्य की शांति भंग करने की इजाजत नहीं देंगे। हमारी सरकार इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी।”
