दुर्ग, 11 जून 2025/ वर्षों से सुनी जा रही कहावत “गुरु बिन ज्ञान नहीं रे” अब दुर्ग जिले के ग्रामीण स्कूलों में सच होती दिखाई दे रही है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत दुर्ग जिले की शिक्षक विहीन शालाओं में अब शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। इससे न केवल शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि बच्चों और पालकों में भी नई उम्मीद जागी है।
शासकीय प्राथमिक शाला अगार, जिसकी छात्र संख्या 85 है, कभी एक भी शिक्षक के बिना संचालित हो रही थी। बच्चों का स्कूल आना तो होता था, लेकिन पढ़ाई का माहौल नहीं था। अब इस स्कूल में तीन शिक्षक पदस्थ हो चुके हैं।
इसी तरह शासकीय प्राथमिक शाला ढौर में जहाँ 42 छात्र दर्ज थे और कोई शिक्षक नहीं, अब वहाँ 2 शिक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं।
शासकीय प्राथमिक शाला खपरी बरहा में जहाँ 25 छात्र अध्ययनरत हैं, वहाँ भी अब 2 शिक्षक पदस्थ किए जा चुके हैं।
गाँव के लोगों के लिए यह बदलाव केवल एक शैक्षणिक प्रबंधन नहीं है, बल्कि यह उनके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। जिन स्कूलों में कभी शिक्षक न होने से केवल इमारतें थीं, अब वहाँ ज्ञान, संवाद और सीखने का वातावरण होगा।
बच्चों के चेहरे पर मुस्कान है, पालकों की आँखों में संतोष है और गाँव के माहौल में शिक्षा को लेकर एक नई चेतना आई है। अब बच्चे केवल स्कूल आएंगे ही नहीं, बल्कि सीखेंगे, बढ़ेंगे और संवरेंगे।
शिक्षा विभाग की यह पहल आने वाले शिक्षा सत्र में दुर्ग जिले को “शिक्षा से समृद्ध जिला” बनाने की ओर एक सशक्त कदम है।
