बीजापुर के 78 शिक्षकविहीन स्कूलों में गूंजी शिक्षा की घंटी, वर्षों बाद फिर शुरू हुई पढ़ाई

रायपुर, 11 जून 2025।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बदलाव आया है। राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत जिले के 78 शिक्षकविहीन स्कूलों में अब नियमित शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। इससे सालों से बंद पड़े स्कूलों में फिर से कक्षाएं शुरू हो गई हैं और बच्चों के चेहरे पर भी पढ़ाई की लौ लौट आई है।


📚 198 अतिशेष शिक्षक, 189 की नई पदस्थापना

जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शासन के निर्देशानुसार जिले में 198 अतिशेष शिक्षकों में से 189 की नई तैनाती की गई है। इनमें 104 सहायक शिक्षक, 13 प्रधान अध्यापक (प्राथमिक), 45 शिक्षक, 31 प्रधान अध्यापक (माध्यमिक) और 5 व्याख्याता शामिल हैं।


🏫 20 साल से बंद स्कूलों में फिर गूंजी बच्चों की आवाज

इस पहल के तहत गुंडापुर, मुदवेंडी, हिरमगुंडा, बोटेतोंग, गुंजेपरती, जीड़पल्ली, मुरकीपाड़ जैसे अतिसंवेदनशील और दूरस्थ गांवों में वर्षों बाद शिक्षकों की तैनाती की गई है। इनमें से कई स्कूल 20 वर्षों से बंद पड़े थे, जो अब फिर से जीवंत हो गए हैं।


🧑‍🏫 82 स्कूलों को मिले शिक्षक, 44 एकल शिक्षक स्कूलों को मिला संबल

  • 82 शिक्षक पूरी तरह शिक्षकविहीन स्कूलों में भेजे गए।
  • 44 शिक्षक एकल शिक्षक स्कूलों को सहयोग देने के लिए।
  • 63 शिक्षक सामान्य आवश्यकता वाले स्कूलों में।
    इससे जिले के शिक्षा ढांचे को व्यापक मजबूती मिली है।

📖 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी नियुक्ति

एक ऐसे उच्च माध्यमिक विद्यालय में, जहां सभी व्याख्याता पद रिक्त थे, वहां अब हिंदी और सामाजिक अध्ययन के व्याख्याता तैनात कर दिए गए हैं। यह विद्यार्थियों की विषयवार पढ़ाई को सुनिश्चित करेगा।


🌱 शिक्षा को प्राथमिकता, उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह कदम दूरस्थ और माओवादी प्रभाव वाले क्षेत्रों में शिक्षा की लौ जलाने का प्रमाण है। सरकार की इस नीति से गांव-गांव में शिक्षा की अलख जगाई जा रही है, जिससे आने वाले वर्षों में इन अंचलों के बच्चों को बेहतर भविष्य मिल सकेगा।