चिंतन शिविर 2.0 में सुशासन के नवाचारों पर मंथन

रायपुर, 9 जून 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर में चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया। इस शिविर में शासन से जुड़े विभिन्न नवाचारों, तकनीकी समाधानों और लोककल्याणकारी योजनाओं की प्रभावी पहुंच पर गहन विमर्श हुआ।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रीमंडल के सहयोगियों ने इस दो दिवसीय शिविर में प्रशासनिक दक्षता, नीतियों के क्रियान्वयन और गुड गवर्नेंस पर विशेषज्ञों से संवाद स्थापित किया।


“गुड गवर्नेंस की कला” पर संजीव सान्याल का मार्गदर्शन

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य श्री संजीव सान्याल ने “The Art of Good Governance” विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि शासन प्रणाली में सुधार के लिए सरल प्रशासनिक प्रक्रियाएं, अनावश्यक नियमों का उन्मूलन, तथा सरकारी एजेंसियों के पुनर्गठन जैसे कदम आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि शासन की गुणवत्ता कैसे नीति निर्माण और प्रभावी कार्यान्वयन के जरिए जनता तक पहुंच सकती है।


डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी से जुड़े समाधान

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, डिजिटल स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया कि ई-हेल्थ रिकॉर्ड्स, टेलीमेडिसिन, मोबाइल हेल्थ ऐप्स, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकें न केवल गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करती हैं, बल्कि शासन को जवाबदेह और पारदर्शी भी बनाती हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रही है।


“गुड गवर्नेंस टू इलेक्शन”: लोकतंत्र में पारदर्शिता का संदेश

प्रसिद्ध राजनीतिक विश्लेषक श्री उदय माहुरकर ने “गुड गवर्नेंस टू इलेक्शन” विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि स्वच्छ प्रशासन, नीतिगत पारदर्शिता, और जनता से संवाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाते हैं। उन्होंने स्थानीय निकायों में सुशासन को सुदृढ़ करने, चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने और प्रशासनिक नैतिकता को सुदृढ़ करने की दिशा में कई सुझाव दिए।


शासन में नवाचार को मिलेगी गति

इस शिविर में शामिल विचारों से छत्तीसगढ़ सरकार को नीति निर्माण से लेकर अंतिम छोर तक सेवा वितरण में नवाचार लाने की प्रेरणा मिली। मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत और IIM रायपुर के निदेशक श्री राम काकानी की उपस्थिति में यह मंथन सत्र सुशासन की दिशा में ठोस कदम माना जा रहा है।