चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गगनदीप सिंह उर्फ गगन को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की मूवमेंट संबंधी गोपनीय जानकारियां साझा कर रहा था। यह जानकारी पंजाब पुलिस के डीजीपी ने मंगलवार को दी।
डीजीपी ने बताया कि गगन की गिरफ्तारी पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट की सूचना के आधार पर की गई। गगन पर आरोप है कि उसने पाकिस्तानी खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला के माध्यम से पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों से संपर्क स्थापित किया और सेना की तैनाती व रणनीतिक स्थानों से जुड़ी जानकारियां साझा कीं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
पुलिस को गगन के पास से एक मोबाइल फोन मिला है, जिसमें उसने ISI एजेंटों को भेजी गई जानकारियों के सबूत और 20 से अधिक ISI एजेंटों के संपर्क नंबर मौजूद हैं। इस मामले में तरनतारण के सिटी थाने में ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है।
डीजीपी ने बताया कि गगन को भारतीय चैनलों के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंटों से पैसे भी मिले। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि इससे पहले मालेरकोटला जिले से एक महिला सहित छह लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।
ऑपरेशन सिंदूर का पृष्ठभूमि
7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर सुबह-सुबह मिसाइल हमले किए थे। इनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा शामिल था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
रवींद्र वर्मा की गिरफ्तारी
इस बीच महाराष्ट्र ATS ने कलवा निवासी और एक रक्षा तकनीकी कंपनी में कार्यरत जूनियर इंजीनियर रवींद्र वर्मा को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। वर्मा पर पाकिस्तान को युद्धपोतों और पनडुब्बियों की जानकारी, स्केच और ऑडियो नोट्स के माध्यम से भेजने का आरोप है।
PTI रिपोर्ट के अनुसार, वर्मा को एक महिला के रूप में पेश आई पाकिस्तानी एजेंट ने फेसबुक के माध्यम से हनीट्रैप किया। उसके बदले में वर्मा को भारत और विदेश से बैंक खातों के माध्यम से पैसे मिले।
वर्मा को अदालत में पेश किया गया, जहां उसकी पुलिस हिरासत 5 जून तक बढ़ा दी गई है। पुलिस का कहना है कि वर्मा के सहकर्मियों से पूछताछ और उसके कार्यस्थल की जांच अभी बाकी है। हालांकि, वर्मा के वकील ने गिरफ्तारी को अवैध बताया और दावा किया कि उसके पास से बरामद “ब्लू डायरी” केवल कार्य से संबंधित नोट्स हैं।
