रायपुर, 27 मई 2025 – छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के गढ़बेंगाल निवासी श्री पंडीराम मंडावी को वर्ष 2025 का पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया है। यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें जनजातीय वाद्य यंत्र निर्माण और काष्ठ शिल्प कला के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा दिया गया।
श्री मंडावी ने गोंड और मुरिया जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने और उसे आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। उनके बनाए हुए वाद्य यंत्र और लकड़ी की कलाकृतियाँ न केवल लोक संस्कृति की पहचान हैं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन चुकी हैं।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने श्री मंडावी को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ की जनजातीय प्रतिभा और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “पंडीराम मंडावी जैसे कलाकारों ने सिद्ध किया है कि हमारी लोक कला और परंपरा भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक बिखेर सकती है। यह पद्मश्री केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि बस्तर की लोकपरंपरा और सांस्कृतिक चेतना का सम्मान है।”
श्री मंडावी की साधना और समर्पण ने छत्तीसगढ़ की लोक कला को नई पहचान दी है, और उनके कार्यों ने बस्तर को भारतीय सांस्कृतिक मानचित्र पर विशेष स्थान दिलाया है।
