छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूलों का होगा युक्तियुक्तकरण, शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने राज्य सरकार का बड़ा कदम

रायपुर, 27 मई 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार के तहत प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार का स्कूलों का युक्तियुक्तकरण छात्रों के हित में उठाया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों की समुचित तैनाती सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में शिक्षकों की तैनाती असंतुलित है – कहीं स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, तो कहीं एक ही परिसर में दो से तीन स्कूल हैं जिनमें बच्चों की संख्या कम है। उन्होंने कहा, “हम ऐसी स्थिति में सुधार लाना चाहते हैं, ताकि हर स्कूल में पर्याप्त शिक्षक हों। इससे स्कूलों को बंद करने का नहीं, बल्कि उन्हें बेहतर ढंग से संचालित करने का अवसर मिलेगा।”

सरकार ने स्पष्ट किया है कि शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर और ग्रामीण क्षेत्रों में एक किलोमीटर के दायरे में बच्चों को स्कूल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बच्चों को पढ़ाई के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने इस भ्रम को भी दूर किया कि युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षकों की भर्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है, और अनुमति मिलते ही चरणबद्ध तरीके से भर्ती की जाएगी।

शिक्षा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 10,463 शालाएं युक्तियुक्त की जा रही हैं, जिसमें ई-संवर्ग की 5849 और टी-संवर्ग की 4614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के दिशा-निर्देशों के अनुसार लिया गया है।

10,297 स्कूल जो एक ही परिसर में संचालित हो रहे थे, उन्हें अब मिलाकर संचालित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्र के 133 और शहरी क्षेत्र के 33 विद्यालयों को पास-पास होने के कारण एकीकृत किया गया है। इससे एकल शिक्षक और शिक्षकविहीन स्कूलों में अब अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी।

यह निर्णय छत्तीसगढ़ के शिक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा और शिक्षकों को उपयुक्त स्थान पर नियुक्ति का लाभ मिलेगा।