एस. जयशंकर ने अमेरिका की मध्यस्थता के दावे को खारिज किया, कहा- भारत की सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान को रोका

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष विराम में अमेरिका की किसी भी निर्णायक भूमिका के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। जर्मन अखबार Frankfurter Allgemeine Zeitung को दिए गए इंटरव्यू में जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि यह भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी जिसने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर किया।

उन्होंने कहा, “गोलीबारी रोकने का निर्णय दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सीधे संपर्क के जरिए हुआ। इसके एक दिन पहले हमने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस और एयर डिफेंस सिस्टम को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया था। तो मुझे किसका धन्यवाद करना चाहिए? मैं भारतीय सेना का धन्यवाद करता हूं, क्योंकि वही थी जिसने पाकिस्तान को यह कहने पर मजबूर किया कि हम रुकने के लिए तैयार हैं।”

जयशंकर ने यह भी कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जो यह दावा किया गया कि “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान भारत और पाकिस्तान एक परमाणु युद्ध के करीब पहुंच गए थे, वह पूरी तरह बेबुनियाद और डर फैलाने वाले हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “बहुत, बहुत दूर थे हम उस स्थिति से। मैं तो आपके सवाल से चकित हूं।”

इसके साथ ही जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन के बीच गहरे रक्षा संबंधों पर भी चिंता जताई और कहा कि पर्यवेक्षक खुद ही इसके नतीजे निकालें। उन्होंने इशारों में बताया कि पाकिस्तान की रणनीति में चीन की बढ़ती भूमिका चिंता का विषय है।

जयशंकर के इस बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता पर निर्भर नहीं है, और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए वह हर आवश्यक कदम उठाने में सक्षम है।