
बुरी नीयत से 10 वर्ष की बालिका को चूमना एक युवक को भारी पड़ा है। लगभग ढ़ाई साल पुराने इस मामले में आरोपी को अदालत द्वारा कुल 10 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है। यह फैसला न्यायाधीश स्मिता रत्नावत की अदालत में शुक्रवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक अरशद खान ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नंदनी थाना क्षेत्र का है। 22 अगस्त 2017 की देर शाम गांव की 10 वर्षीय बालिका को सूनेपन और अंधेरे का लाभ उठाकर राजेश ठाकुर (28 वर्ष) ने बुरी नियत से पकड़ लिया था। इस दौरान उसने उसके गाल पर चुबंन भी ले लिया। जिससे घबराकर बालिका रोने लगी तो राजेश मौके से भाग गया। रोते हुए घर पहुंचने पर बालिका से परिजनों द्वारा पूछे जाने पर उसने घटना की जानकारी दी। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात पॉक्सो एक्ट न्यायाधीश स्मिता रत्नावत ने आरोपी को दोषी करार दिया। आरोपी राजेश ठाकुर को दफा 354 के चहत 5 वर्ष कारावास, 200 रु. अर्थदंड तथा पाक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत 5 वर्ष कारावास तथा 200 रु. के अर्थदंड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। दोनों सजाए साथ साथ चलेंगी।
