मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना: घने जंगलों के बीच बसी बस्तियों में जली उम्मीद की रौशनी

रायपुर, 15 मई 2025
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दुर्गम वन क्षेत्रों में बसे मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के 17 वनग्रामों में पहली बार बिजली पहुंची है। मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत इस परिवर्तनकारी कार्य ने न केवल गांवों को रोशन किया, बल्कि ग्रामीणों के जीवन में नई उम्मीद का संचार भी किया है।

लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से यह कार्य कट्टापार, कातुलझोरा, बुकमरका, बोदरा, गट्टेगहन, पुगदा, आमाकोड़ो, पीटेमेटा, टाटेकसा, कुंदलकाल, रायमनहोरा, नैनगुड़ा, मेटाटोडके, कोहकाटोला, एडसमेटा, कुंजकन्हार और संबलपुर जैसे अत्यंत दुर्गम गांवों में संपन्न हुआ।

दशकों का इंतजार अब खत्म

इन वनग्रामों के 540 परिवार अब तक सौर ऊर्जा, लालटेन और चिमनी पर निर्भर थे। बिजली की अनुपलब्धता के कारण रातें भय और अंधेरे से भरी रहती थीं। कई सौर उपकरण समय के साथ खराब या चोरी हो चुके थे। अब 275 परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है और शेष में कार्य प्रगति पर है।

जब गांवों में पहली बार ट्रांसफॉर्मर से बिजली की रौशनी फैली, तो बच्चों ने नृत्य किया, बुजुर्गों ने पटाखे फोड़े, और पूरे गांव ने जश्न मनाया। यह वही क्षण था, जिसकी प्रतीक्षा ग्रामीण दशकों से कर रहे थे।

तकनीकी चमत्कार: 45 किमी लाइन, 17 ट्रांसफॉर्मर

ग्राम टाटेकसा में 25 केवीए ट्रांसफॉर्मर को कार्यपालक निदेशक द्वारा चार्ज कर बिजली आपूर्ति शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत

  • 45 किमी लंबी 11 केवी लाइन,
  • 87 निम्नदाब पोल,
  • तथा 17 ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए गए।

कार्यपालक निदेशक श्री सेलट ने बताया कि घने जंगलों, पहाड़ियों और नक्सली खतरों के बीच इस कार्य को पूरा करना एक मिशन से कम नहीं था। वन विभाग से NOC प्राप्त करने से लेकर उपकरण ढुलाई तक हर चरण चुनौतीपूर्ण रहा। लेकिन मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति और तकनीकी टीम की मेहनत ने इसे संभव बनाया।

समापन

यह योजना केवल एक विकास कार्य नहीं, बल्कि उन लोगों की जिंदगी में उजाले की किरण है, जिनके लिए बिजली एक सपना थी। अब ये गांव भी मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और उनके भविष्य में नई संभावनाएं जुड़ रही हैं।