रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। यह अभियान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत संचालित होगा और इसकी घोषणा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद की गई।
इस अभियान के अंतर्गत छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को बेहतर करने के साथ-साथ अभिभावक-शिक्षक सहभागिता को भी बढ़ावा दिया जाएगा। नियमित अभिभावक-शिक्षक बैठकें आयोजित होंगी। साथ ही सामाजिक अंकेक्षण के जरिए स्कूलों का मूल्यांकन कर ग्रेडिंग की जाएगी और जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के माध्यम से निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।
कम ग्रेड वाले स्कूलों के शिक्षकों को मॉडल स्कूलों के शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जाएगा, जिससे वे श्रेष्ठ शैक्षणिक पद्धतियां और नवाचार सीख सकें।
उद्योग नीति में बदलाव, युवाओं को मिलेगा रोजगार
सरकार ने उद्योग नीति 2024-30 में संशोधन कर उसे अधिक रोजगार उन्मुख बनाया है। हाइड्रोपोनिक और एयरोपोनिक जैसी आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का उपयोग शामिल होगा।
इसके साथ ही राज्य में खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, ताकि युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और करियर के अवसर मिल सकें। गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
बस्तर और सरगुजा जैसे जनजातीय इलाकों में होटल और रिसॉर्ट निर्माण हेतु निवेश की न्यूनतम सीमा को घटा दिया गया है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश पर 200 प्रतिशत तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
लॉजिस्टिक्स नीति और कलाकारों के लिए सहायता में वृद्धि
राज्य में एक नई लॉजिस्टिक्स नीति भी लागू की गई है, जो वस्तु परिवहन और व्यापार को अधिक सहज और कुशल बनाएगी। इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने हेतु कलाकारों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को ₹2,000 से बढ़ाकर ₹5,000 प्रति माह कर दिया गया है। यह निर्णय बजट सत्र के दौरान लिया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार के इन निर्णयों से शिक्षा, उद्योग, कृषि, पर्यटन, खेल, संस्कृति और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
