रायपुर, 24 मार्च 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में आज भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भाग लेते हुए प्रदेशवासियों को 25 वर्षों की लोकतांत्रिक यात्रा की बधाई दी। उन्होंने विधानसभा की उत्कृष्ट संसदीय परंपराओं की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के असाधारण मार्गदर्शन का परिणाम है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा: अनुकरणीय संसदीय आचरण का प्रतीक
राष्ट्रपति मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में ‘स्वयमेव निलंबन’ जैसे नियमों की तारीफ की और यह भी कहा कि पिछले 25 वर्षों में यहां कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक व्यवस्था को जन-आकांक्षाओं की सशक्त अभिव्यक्ति बताया।
महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को मातृशक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही है। उन्होंने महिला विधायकों से अपील की कि वे अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की भावना को धरातल पर उतारने का आह्वान किया।
राज्यपाल रमेन डेका का संबोधन
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा लोकतांत्रिक परंपराओं का आदर्श उदाहरण है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए बताया कि राज्य सरकार 2025 को ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मना रही है, जिसमें अधोसंरचना विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
वामपंथी उग्रवाद से मुक्ति की ओर निर्णायक प्रगति
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद के खात्मे की दिशा में निर्णायक प्रगति हुई है और राज्य जल्द ही उग्रवाद मुक्त होगा। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग अब विकास की राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं।
समावेशी विकास और पर्यावरण संरक्षण
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन बनाए रखना होगा।
छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान
राष्ट्रपति ने मिनी माता, वीर नारायण सिंह, गुरु घासीदास सहित कई महापुरुषों को याद किया। राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का प्रमुख स्टील और ऊर्जा उत्पादक राज्य बन चुका है और इसकी उपलब्धियों का श्रेय राज्य के दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है।
सामाजिक समरसता का मूलमंत्र: ‘मनखे-मनखे एक समान’
राष्ट्रपति ने गुरु घासीदास जी के संदेश ‘मनखे-मनखे एक समान’ को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सामाजिक समानता और समरसता के आदर्शों को आगे बढ़ाना जरूरी है।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति मुर्मु और राज्यपाल डेका ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की अनुशासित कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए राज्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और जनप्रतिनिधियों से श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ के निर्माण में समर्पित रहने का आह्वान किया।
