बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में आज 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 9 नक्सलियों पर कुल 28 लाख रुपये का इनाम था। इन नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया।
खोखली विचारधारा और शोषण से हुआ मोहभंग
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे माओवादी विचारधारा की अमानवीयता, निर्दोष आदिवासियों के शोषण और संगठन के भीतर बढ़ते मतभेदों से परेशान थे। इसके अलावा, पुलिस और सुरक्षा बलों के बढ़ते प्रभाव, नए शिविरों की स्थापना और ‘निया नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना के तहत हो रहे विकास कार्यों से भी वे प्रभावित हुए।
इनामी नक्सलियों में कई बड़े नाम शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में देवा पदम (30) और उनकी पत्नी दूले कालमू (28) प्रमुख हैं, जो माओवादी बटालियन नंबर 1 के वरिष्ठ सदस्य थे। इन दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। वहीं, एरिया कमेटी सदस्य सुरेश कट्टम (21) पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अन्य आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एक पर 2 लाख रुपये और पांच पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था।
सुरक्षा बलों की अहम भूमिका
इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण में जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), CRPF और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (Commando Battalion for Resolute Action) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को 25,000 रुपये की सहायता दी गई और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
बस्तर में बढ़ रहा आत्मसमर्पण का सिलसिला
इस साल अब तक बस्तर रेंज के बीजापुर जिले में कुल 84 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं, पिछले साल पूरे बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।
