महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान बिटकॉइन घोटाले का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ के रायपुर में सारथी एसोसिएट्स के कर्मचारी गौरव मेहता के ठिकानों पर छापा मारा। यह कार्रवाई बिटकॉइन के जरिए चुनावी फंड जुटाने के आरोपों के बाद की गई है।
पुणे के पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने एनसीपी-एसपी नेता और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पर 2018 के क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले से मिले बिटकॉइन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। पाटिल का दावा है कि इन बिटकॉइन का इस्तेमाल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धन जुटाने के लिए किया जा रहा है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी के गंभीर आरोप
पाटिल ने कहा कि पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध शाखा की तत्कालीन उपायुक्त भाग्यश्री नौटके भी इस घोटाले में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 में गिरफ्तार क्रिप्टोकरेंसी घोटालेबाज अमित भारद्वाज के पास मौजूद हार्डवेयर वॉलेट को गुप्ता ने बदल दिया था।
पाटिल का दावा है कि उनके पास गवाह गौरव मेहता द्वारा भेजे गए वॉयस नोट्स हैं, जिनमें सुप्रिया सुले कथित तौर पर बिटकॉइन भुनाने के लिए कहती हुई सुनाई देती हैं। इन नोट्स में सुले ने यह भी आश्वासन दिया कि सत्ता में आने पर जांच को संभाल लिया जाएगा।
सुप्रिया सुले ने आरोपों को खारिज किया
सुप्रिया सुले ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, “आरोप पूरी तरह झूठे हैं। मैंने इन लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा और आपराधिक मामला दर्ज कराया है।”
इस मामले में छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईडी की कार्रवाई के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है। इस मुद्दे ने विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया है।