भारत और कनाडा के बीच तनाव: भारत ने अपराधियों को लेकर जताई चिंता

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव के बीच, भारत ने कनाडा के संगठित अपराध से जुड़े अपराधियों के प्रति कनाडा के रुख पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने आज आरोप लगाया कि कनाडा अपराधियों, विशेष रूप से लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े लोगों को प्रत्यर्पित करने में हिचकिचा रहा है। यह गैंग भारत में कुख्यात है और कनाडा में भी इसके अपराधों में लिप्त होने की खबरें हैं।

श्री जयसवाल ने कहा, “हमें यह काफी अजीब लगता है कि जिन लोगों को हमने प्रत्यर्पण के लिए मांगा, अब कनाडा की पुलिस कह रही है कि वे कनाडा में अपराध कर रहे हैं, और इसके लिए भारत को दोषी ठहराया जा रहा है।” भारत द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोधों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “26 मामले एक दशक से अधिक समय से लंबित हैं। इसके अलावा कई प्रोबेशनल अनुरोध भी लंबित हैं।”

सितंबर 2023 से भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव गहराता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या रही है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारत पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। श्री जयसवाल ने हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में भारत की स्थिति को दोहराया और कहा कि कनाडा के लगातार आरोपों के बावजूद “कोई ठोस सबूत” नहीं है जो भारतीय सरकार को इस हत्या से जोड़ता हो।

उन्होंने कहा, “हमने अपनी स्थिति को विभिन्न प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से स्पष्ट कर दिया है। सितंबर 2023 के बाद से कोई सबूत नहीं दिया गया है, और कल रात हमने फिर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की है।” उन्होंने आगे कहा, “कनाडा ने अब तक अपने आरोपों का कोई सबूत नहीं दिया है। उनके आरोप राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं और उनका मकसद भारत की छवि धूमिल करना है।”

भारत ने आरोपों को खारिज करने के अलावा, हाल ही में अपने राजनयिकों को सुरक्षा कारणों से कनाडा से वापस बुला लिया, जिसके बाद कनाडा ने कई भारतीय अधिकारियों को निष्कासित कर दिया। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं।