जिला पंचायत अध्यक्ष के किराए के वाहन का नहीं मिला भुगतान, बिलासपुर हाईकोर्ट ने शासन को दिए भुगतान के आदेश

बेमेतरा (छत्तीसगढ़) अजीत राजपूत। बिलासपुर हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता हीरालाल साहू के गाड़ी का किराया भुगतान करने के लिए शासन को आदेश दिया है। बता दे विगत 7 महीने से जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता वर्मा को शासन द्वारा वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया और ना ही किराए के वाहन का किराया का भुगतान किया गया। जिस के संबंध में कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपा गया था। उसके बाद भी इस तरफ कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। परेशान होकर अध्यक्ष सुनीता साहू ने अपने वकील  टीके झा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया।  जिस जहां पर हाई कोर्ट के द्वारा फैसला दिया गया है।

जानकारी के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता हीरालाल साहू को विगत 21 जुलाई 2022 से लेकर 25 जनवरी 2023 तक का वाहन का किराया का भुगतान नहीं किया गया था। बता दें कि बीते सन 2021 में राज्य सरकार द्वारा  जिला पंचायत अध्यक्षों के वाहन के संबंध में नया गाइडलाइन जारी किया गया था। जिसके मुताबिक शासकीय वाहन विहीन जिला पंचायत अध्यक्ष को जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रतिमाह 60000 रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस राशि में वाहन चालक, डीजल पेट्रोल तथा वाहन की मरम्मत को शामिल है।

जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता हीरालाल साहू ने कहा कि यह सत्य की जीत है। वाहन के लिए कई बार ज्ञापन सौंपा गया है। कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को किंतु इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया था इसका हाईकोर्ट में जाना पड़ा

लंबित 15 वित्त राशि के भुगतान का मामला भी ले जाएंगे कोर्ट
ज़िला पंचायत अध्यक्ष सुनीता हीरालाल साहु ने बताया कि  15 वित्त राशि विगत 2 साल का करीब 11करोड़ रुपए जिला पंचायत में आ गया हैं जो जिले के विकास के लिए है जिसे अभी तक के रोक कर रखा गया है  जिसे जारी करने के लिए जिला पंचायत  सदस्यों के द्वारा तालाबंदी किया गया था एवं इस संबंध में शीघ्र ही राशि जारी करने के संदर्भ में ज्ञापन भी सौंपा गया उसके बावजूद राशि को विकास राशि को जारी नहीं किया गया है उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा पूरे छत्तीसगढ़ में केवल बेमेतरा जिला ही एक ऐसा जिला है जहां पर विकास के लिए आए हुए राशि का उपयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला अध्यक्ष को यहां प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में आगे जानकारी देते हुए बताया है कि इस राशि को जारी करने के लिए कलेक्टर को फिर एक बार ज्ञापन दिया गया है और 15 दिन का समय दिया गया है। यदि 15 दिन के  समय के भीतर विकास राशि को जारी नहीं किया जाएगा तो कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा इसके साथ ही हाईकोर्ट का दरवाजा फिर खटखटाएंगे।