नई दिल्ली। केंद्र ने सोमवार को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल, एविएशन टर्बाइन फ्यूल और हाई-स्पीड डीजल पर Windfall Tax बढ़ा दिया। Central Board of Indirect Taxes and Customs द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स मौजूदा 1,700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। संशोधित कर दर 3 जनवरी यानी आज से प्रभावी है।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स मौजूदा 1.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 4.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। निर्यात के लिए हाई-स्पीड डीजल पर विंडफॉल टैक्स भी 5 रुपये से बढ़ाकर 7.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क ‘शून्य’ पर अपरिवर्तित बना हुआ है।
विंडफॉल टैक्स क्या है, क्यों लगाया जाता है?
विंडफॉल टैक्स एक स्पेशल अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के रूप में लगाया जाता है, जिसका उद्देश्य हाई ग्लोबल क्रूड ऑयल, उत्पाद की कीमतों के कारण घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों द्वारा अर्जित सुपर-प्रॉफिट को एब्सॉर्ब करना है, और केंद्र सरकार द्वारा हर 15 दिन में संशोधित किया जाता है। क्रूड की कीमतों और रिफाइनिंग स्प्रेड के आधार पर लेवी की दरों में बदलाव किया जा रहा है। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता और तेल का आयातक, पश्चिम द्वारा सहमत 60 डॉलर की लिमिट से काफी नीचे रूसी कच्चे बैरल खरीद रहा हैं। ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और 1 जुलाई 2022 को लागू होने के बाद से लेवी में कमी के कारण केंद्र को इस वित्त वर्ष में तेल कंपनियों पर अप्रत्याशित लाभ कर से लगभग 30,000-35,000 करोड़ रुपये की कमाई होने की संभावना है।
घटनाक्रम से परिचित एक व्यक्ति ने हाल ही में एफई को बताया है कि कच्चे तेल की कीमतों में हालिया रुझानों और अप्रत्याशित लाभ करों में संशोधन की श्रृंखला को देखते हुए अनुमान लगाया गया है कि इससे राजस्व 30,000 करोड़ रुपये की सीमा में होगा। कम कलेक्शन से सरकार के राजकोषीय गणित पर असर पडऩे की उम्मीद नहीं है क्योंकि टैक्स कलेक्शन अब तक अनुमान से अधिक रहा है। यह एक अतिरिक्त कर है जो साल के मध्य में लगाया गया था और 2022-23 के बजट अनुमान की गणना में इसे शामिल नहीं किया गया था।