दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को प्रेम जाल में फंसाकर साथ भगाकर ले जाने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी युवक के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया है। युवक अपने पडौस में रहने वाली किशोरी को भगा ले गया था। जिसके बाद लगभग डेढ़ माह तक किशोरी के साथ संबंध बनाए थे। मामले में अदालत ने आरोपी को कुल 13 वर्ष कारावास व 10 हजार 100 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है। पीडित 17 वर्षीय किशोरी 16 जून 2017 को परिजनों को बिना बताये घर से लापता हो गई थी। काफी पतासाजी करने पर परिजनों को जानकारी मिली कि पडौस का युवक सूरज साहू (27 वर्ष) भी घर से लापता है। साथ ही युवक का किशोरी के साथ प्रेम प्रसंग चलने की जानकारी मिली। जिस पर किशोरी की मां ने सूरज के खिलाफ पुलिस में किशोरी को बहला-फुसलाकर कर भगा ले जाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी। पुलिस ने युवक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर किशोरी की पतासाजी प्रारंभ की थी। लगभग डेढ़ माह पश्चात 16 अगस्त 17 को किशोरी को गोंदिया से युवक के साथ बरामद किया गया। पुलिस ने आरोपी को नाबालिग के बहला-फुसलाकर अपहरण करने, शारीरिक संबंध बनाने के आरोप के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक पॉस्को अदालत में किया गया। प्रकरण विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने आरोपी को दोषी करार दिया। अभियुक्त सूरज साहू (27 वर्ष) को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10 वर्ष कारावास तथा दफा 366 के तहत 3 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया है।
