किशोरी के साथ अनाचार कर हत्या बाद शव को जलाया, आरोपी युवक को अदालत ने दिया दो बार अजीवन कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जानवरों चारा देने गई किशोरी से अनाचार कर गला घोंटकर कर हत्या करने और शव को जलाने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में गुरुवार को फैसला सुनाया गया। मामले के एक अभियुक्त को दो आरोपों के तहत अलग-अलग अजीवन कारावास से दंडित किया गया है। वहीं साक्ष्य छुपाने में सहयोग करने वाले आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए आरोप से मुक्त कर दिया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत ने दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।वारदात उतई थाना क्षेत्र की है।

मामले के अनुसार गांव की 17 वर्षीय किशोरी अपने नए घर में 3 अप्रैल 2018 की शाम गई थी। जहां से वह अपने पुराने घर वापस नहीं लौटी। खोजबीन करने पर एक खेत की पैरावट की आग से एक शव बरामद हुआ। शव पर मौजूद ताबीज और हाथ के कड़े से गुम किशोरी के रूप में हुई। पुलिस पड़ताल में खुलासा हुआ कि गांव के युवक शिव भारती (30 वर्ष) ने गुमशुदगी की रात किशोरी के साथ अनाचार किया था और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। जिसके बाद शव के खेत में रखे पैरावट में डाल कर आग लगा दी थी। वहीं साक्ष्य मिटाने में कामता प्रसाद साहू (27 वर्ष) ने शिव को सहयोग दिया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।

प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास ने आरोपी शिव भारती को दोषी करार दिया। वहीं मामले के सह आरोपी कामता प्रसाद साहू को संदेह का लाभ देते हुए साक्ष्य मिटाने में सहयोग करने के आरोप से बरी कर दिया। प्रकरण के मुख्य अभियुक्त शिव भारती (30 वर्ष) को पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 तथा दफा 302 के तहत अलग-अलग अजीवन कारावास तथा दफा 201 के तहत 5 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया है। इसके साथ ही अभियुक्त को कुल 2500 रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। मामले गिरफ्तारी के बाद से दोनों आरोपी फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध थे।