दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कामकाजी बहन को स्वेटर देने जा रही युवती को रास्ते में रोककर जबरदस्ती का प्रयास किए जाने के एक मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। मामले के अभियुक्त को विभिन्न्न धाराओं के तहत कुल 4 वर्ष के कारावास व 400 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत ने दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
घटना 30 नवंबर 2019 की शाम उतई थाना क्षेत्र अंतर्गत घटित हुई थी। पीड़ित युवती एक स्टोर में काम करने वाली बहन स्वेटर देने घर से निकली थी, लेकिन स्टोर नहीं पहुंची। वहीं घर वापसी के दौरान बहन को पीड़िता का स्कार्फ़ रास्ते में पड़ा मिला। अनहोनी की आशंका से उसने अपने पिता को इसकी जानकारी दी। पिता के मौके पर पहुंचने पर जानकारी मिली की उनकी बेटी पुलिस थाने में है।
थाना पहुंचने पर पीड़ित ने बताया कि जब वह स्वेटर देने जा रही थी, तो रास्ते में एक लड़के ने उसकी साइकिल रोक ली और गाली-गलौज करते हुए बुरी नीयत से सुनसान जगह पर ले गया। जहां मारपीट की और जबरदस्ती करने का प्रयास करने लगा। किसी प्रकार वह युवक के चुंगल से छूटी और 112 की मदद से पुलिस थाने पहुंची।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर
आरोपी युवक अमर दास खुटेल (25 वर्ष) को 3 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी ने आरोपी को दोषी करार दिया। मामले के अभियुक्त अमर दास खुटेल को दफा 354 ख के तहत 3 वर्ष, 506 बी के तहत एक वर्ष व 323 के तहत एक माह के कारावास की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
