एरोमैटिक प्लांटेशन को बढ़ावा : ग्रामीण क्षेत्रों में लैट्यूस, ड्रैगन फ्रूट की बागवानी का दायरा बढ़ाने कलेक्टर ने दिए निर्देश

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में माडल बाड़ी के कांसेप्ट को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें नई प्रजाति के प्लांट्स को रोपे जाने के संबंध में विशेष जोर दिया जाएगा। इसके अंतर्गत एरोमैटिक प्लांट्स को बढ़ावा दिया जाएगा। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने यह निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी मौजूद रहे।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले में प्रगतिशील किसान ड्रैगन फ्रूट, लैट्यूस आदि लगा रहे हैं। इसकी अच्छी माँग है और वे लोग काफी आय अर्जित कर रहे हैं। इसकी माँग काफी है और आपूर्ति कम। ड्रैगन फ्रूट जैसे फल की अच्छी खासी कीमत बाजार में मिलती है अतएव इस तरह के फलों की बागवानी कर किसान अच्छी खासी आय अर्जित कर सकते हैं। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि धमधा में पहले ही प्रगतिशील किसान फलों की खेती में रुचि ले रहे हैं। यहां कम से कम 300 एकड़ क्षेत्र तैयार करें जहां एक्जाटिक वैरायटी और फूलों की माडल खेती हो सके। इसके लिए भूमिहीन महिलाओं को विशेष रूप से जोड़ दें।

कलेक्टर ने कहा कि इसी तरह पाटन में 200 एकड़ और दुर्ग में कम से कम सौ एकड़ क्षेत्र चिन्हांकित कर लें। उन्होंने कहा कि भूमिहीन महिलाओं को इससे जोड़ने से उनकी निश्चित आय होगी और आर्थिक स्तर में तेजी से बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह से माडल बाड़ी से जो आय होगी, उससे अन्य समूह भी और गांव के किसान भी माडल बाड़ी के कांसेप्ट को अपनाएंगे और उद्यानिकी फसलों के विस्तार की शासन की मंशा पूरी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि एरोमैटिक प्लांट्स की दुनिया भर में बहुत माँग है। शासन की मंशा है कि कृषि में वैविध्य हो। इसकी बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है। अतएव इसे बढ़ावा देने के लिए कार्य करें।