खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव : भाजपा ने बनाया तीन दावेदारों का पैनल, खूबचंद पारख बनाए गए चुनाव प्रभारी

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। क्षैत्र से 10 दावेदारों के नाम सामने आए थे। चुनाव समिति ने बुधवार रात इन नामों पर चर्चा कर तीन नामों का पैनल तैयार किए जाते की जानकारी सामने आई है। जिन्हें केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। पैनल में पूर्व विधायक कोमल जंघेल का नाम भी शामिल होने की जानकारी मिली है।

निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक उप चुनाव के लिए नामांकन 17 मार्च को अधिसूचना के प्रकाशन से शुरू हो जाएंगे। नामांकन की आखिरी तारीख 24 मार्च निर्धारित की गई है। 25 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 28 मार्च तक प्रत्याशियों को अपने नाम वापस लेने का मौका दिया जाएगा। उसके बाद वैध प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा। खैरागढ़ सीट पर मतदान 12 अप्रैल को होना है। 16 अप्रैल को मतगणना और परिणाम जारी होंगे।
बुधवार रात भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुईं। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित चुनाव समिति के दूसरे सदस्य इस बैठक में शामिल हुए।
समिति ने पर्यवेक्षक समिति की ओर से बनाई गई 10 दावेदारों की सूची का परीक्षण किया। एक-एक दावेदार की सामाजिक-राजनीतक पृष्ठभूमि पर बात हुई। इस पर जोर सामाजिक समीकरणों और जीत की संभावना पर ही था। अंत में तीन नामों का एक पैनल बनाया गया। इसमें पूर्व विधायक कोमल जंघेल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह का नाम प्रमुख है। पार्टी इन्हीं तीन नामों को केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति इन पर विचार करने के बाद खैरागढ़ उप चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार की घोषणा करेगी। बताया जा रहा है, उम्मीदवार की घोषणा अब होली के बाद ही होगी। खैरागढ़ उप चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पार्टी उपाध्यक्ष खूबचंद पारख को खैरागढ़ उप चुनाव का प्रभारी बनाया है। उनके साथ मोतीलाल साहू और ओपी चौधरी को सह प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी मिली है। खूबचंद पारख को पार्टी ने निकाय चुनाव के समय बीरगांव नगर निगम की जिम्मेदारी भी दी थी। इन तीन नेताओं को खैरागढ़ उप चुनाव की रणनीति को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी दी गई है।