रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम के दौरान राज्य के किसानों के हित में एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसान खाद-बीज के अग्रिम उठाव की तरह सोसायटियों और गौठानों से वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का भी अग्रिम उठाव कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को उनकी गतिविधियों के बेहतर संचालन के लिए एंडवास राशि उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर बेचने वाले पशुपालक ग्रामीणों सहित गौठान समितियों तथा महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 5 करोड़ 38 लाख रुपये की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव की बात है कि हमारी गोधन न्याय योजना को झारखंड राज्य में जस-का-तस अपने राज्य में लागू करने का निर्णय लेते हुए इसे अपने बजट में शामिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गौठान और गोधन न्याय योजना की सफलता अब किसी से छुपी नहीं रह गई है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आज राज्य के 2800 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो राज्य में निर्मित एवं संचालित गौठनों की संख्या का एक तिहाई से भी अधिक है। यह स्वावलंबी गौठान अब गोधन न्याय योजना के अंतर्गत स्वयं की राशि से गोबर खरीदी और गौठान की व्यवस्था स्वयं संभालने लगे हैं। यह खुशी की बात है कि स्वावलंबी गौठान अब पशुपालक ग्रामीणों से गोबर खरीदी में स्वयं की पूंजी का निवेश करने लगे हैं। स्वावलंबी गोठनों ने 12 करोड़ 60 लाख रुपये का गोबर, स्वयं की राशि से खरीदा है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्वावलंबी गोठान समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन साल पहले हम लोगों ने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लिया था, अपने छत्तीसगढ़ को नयी पहचान दिलाने का संकल्प लिया था, अपनी छत्तीसगढ़-महतारी का मान बढ़ाने का संकल्प लिया था। आज तीन साल बाद मैं बहुत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी सरकार ने अपने हर वादे की तरह इस संकल्प को भी पूरा कर दिखाया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने किसानों, आदिवासियों, मजदूरों और शोषित-पीड़ित लोगों के लिए इन तीन वर्षों में जो कदम उठाए हैं, आज उनकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। विपक्ष के लोग भी छत्तीसगढ़ की योजनाओं की तारीफ कर रहे हैं। दूसरे राज्यों में भी ऐसी ही योजनाएं लागू करने का वादा कर रहे हैं। अभी उत्तरप्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी जी ने वहां के लोगों से गोबर खरीदी की योजना शुरु करने का वादा किया। इससे पहले भी संसद में कृषि मामलों की स्थायी समिति गोधन न्याय योजना को पूरे देश में लागू करने की मांग कर चुकी है। नीति आयोग को भारत सरकार का थिंक-टैंक कहा जाता है। नीति आयोग ने परसों ही ट्वीट करके पूरे देश को बताया है कि बस्तर और दंतेवाड़ा की महिलाएं किस तरह महुआ-लड्डू, चाय, जैम, जेली और कुकीज जैसे खाद्य पदार्थ तैयार करके खुद को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित हो रहे हमारे गौठानों में भी तरह-तरह की चीजों का उत्पादन हमारी महिला बहनें कर रही हैं। इन वस्तुओं की ऑन लाइन मार्केटिंग की जा रही है। तीन साल पहले तक छत्तीसगढ़ को सिर्फ नक्सली उपद्रव के नाम पर लोग जानते थे, आज हमारे गांव की समृद्धि हमारे राज्य की पहचान है। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। दुनियाभर में महिलाएं सदियों से अपने अधिकारों से वंचित रही हैं। हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम उन्हें उनके अधिकार दिलाने का संकल्प लेते हैं। मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि हमने माताओं-बहनों को उनके अधिकार दिलाने का केवल संकल्प ही नहीं लिया, उसे पूरा भी किया है।
