दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग बच्चे के साथ घिनौनी हरकत किए जाने के लगभग डेढ़ साल पुराने मामलें में अदालत द्वारा फैसला सुनाया गया है। मामले के आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत जिंदगी भर के कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश सरिता दास की अदालत ने दिया है। मामले की पीड़ित बालक को शासन की ओर प्रतिकर राशि के रूप में 4 लाख रूपए क्षतिपूर्ति प्रदान किए जाने का निर्देश न्यायाधीश ने दिया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
घटना जामुल थाना क्षेत्र की है। 16 जुलाई 2020 की दोपहर पीड़ित बालक को पड़ोसी बंटू ठाकुर (35 वर्ष) ने गुटका लाने के लिए बुलाया था। गुटका लाने के बाद आरोपी बंटू बालक को चिड़िया पकडने के नाम पर खेत ले गया और वहां पर बालक को धमकाकर उसे मुखमैथुन करने मजबूर किया। अभियुक्त मूल रूप से पाटन का निवासी है। दहशतजदा बालक घर वापस आया और घटना की जानकारी अपने पिता को दी। जिसके बाद मामले की शिकायत पूलिस में दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य करने, जान से मारने की धमकी देने का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश सरिता दास की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार दिया। मामले के अभियुक्त बंटू ठाकुर को 12 वर्ष से कम आयु के बालक पर लैंगिक हमला करने के आरोप में पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत पूरे प्राकृत जीवन तक की कारावास के कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड दंड से दंडित किया गया है। वहीं अप्राकृतिक कृत्य करने के अपराध में दफा 377 के तहत आजीवन कारावास, एक हजार रुपए अर्थदण्ड तथा जान से मारने की धमकी देने के अपराध में दफा 506(2) के तहत एक वर्ष कारावास व 100 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है । मामले में गिरफ्तारी के बाद से अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।