दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को डरा-धमका कर दैहिक शोषण करने वाले आरोपी के खिलाफ अदालत ने फैसला दिया है। बाद में शारीरिक संबंध बनाए जाने से इंकार करने पर आरोपी किशोरी के साथ गाली-गलौज कर परेशान करने लगा था। इस मामले में विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह की अदालत ने आरोपी को 10 वर्ष के कारावास व 3 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है ।वहीं पीडिता के पुनर्वास के लिए प्रतिकर राशि के रूप में 4 लाख रूपए प्रदान किए जाने की अनुशंसा की है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी लगभग 14 वर्षीय किशोरी घर में अकेली थी। इसी दौरान गांव का ही युवक शंकर साहू ने घर में घुसकर किशोरी के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए जिसके बाद जब भी किशोरी घर में अकेली होती शंकर उसके साथ जबरदस्ती करता था। यह सिलसिला वर्ष 2013 से चल रहा था। इसी बीच किशोरी अपने पैतृक गांव चली गई। जिसके बाद शंकर प्रायः उसके पैतृक गांव जाने लगा और उसे वापस घर आने के लिए परेशान करने लगा। इंकार करने पर युवक ने किशोरी के साथ गाली-गलौज करना प्रारंभ कर दिया था। इससे परेशान होकर किशोरी ने अपने परिजनों से शिकायत की और युवक द्वारा उसके साथ की गई हरकतों की जानकारी दी। जिसके बाद युवक के खिलाफ 27 जून 2016 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर विवेचना पश्चात प्रकरण को न्यायालय के समक्ष विचारण के लिए प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह ने अभियुक्त शंकर साहू (24 वर्ष) को दोषी करार दिया और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(ठ)/6 के तहत 10 वर्ष के कारावास व 3 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया।
