दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घर में मोबाइल पर कव्वाली की ताल देख रही किशोरी के साथ जबरदस्ती किए जाने के मामले में अदालत ने आज फैसला सुनाया है। मामले के आरोपी को अदालत ने घर में जबरिया प्रवेश करने तथा पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। आरोपी को दोनों अपराधों के तहत कुल 5 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अविनाश के त्रिपाठी की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
घटना खुर्सीपार थाना क्षेत्र की है। पीड़ित 16 वर्षीय किशोरी अपने घर में मोबाइल पर 15 जनवरी 2020 की रात लगभग 9.30 बजे नाथ (कव्वाली की ताल) की ताल देख रही थी। इसी दौरान आरोपी संतू उर्फ संतोष रेडडी (26 वर्ष) जबरिया घर में घुस आया और बुरी नियत किशोरी का हाथ पकड़ लिया। शोर मचाने जाने पर किचन में काम कर रही किशोरी की मां मौके पर पहुंची। विरोध करने पर आरोपी मां मां के साथ बदतमीजी करते हुए किशोरी के साथ गंदी हरकत करने की धमकी देने लगा। इसी दौरान मोहल्ले के अन्य लोगों के पहुंचने पर आरोपी मौके से भाग गया। मामले की शिकायत पुलिस में कई गई।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत में पेश किया था। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी ने अभियुक्त संतू उर्फ संतोष रेडडी को लगाए आरोपों के तहत दोषी करार दिया गया। अभियुक्त संतू को दफा 456 के तहत 2 वर्ष के कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत 3 वर्ष के कारावास व 2 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।
