संविधान दिवस : न्यायायिक अधिकारियों ने किया उद्देशिका का पठन, कहा संविधान में बसती है भारत की एकता की आत्मता

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। संविधान दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय के सभागार में आज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की उपस्थिति में न्यायिक अधिकारियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना को सामुहिक रूप से पढा गया। संविधान दिवस के अवसर पर न्यायाधीश ने कहा कि भारत का संविधान भारत के प्रत्येक व्यक्ति तथा नागरिकों के अधिकारों का व्यक्त करने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का वचन प्रदान करने वाले एक पवित्र ग्रंथ तथा अमूल्य धरोहर है। भारत विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के संचालन में भारत का संविधान अपनी अतुलनीय भूमिका अदा कर रहा है। क्योंकि लोकतंत्र के विकास एवं नए आयामों को प्राप्त संविधान से ही किया जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक महासागर की भांति है जिसमें भारतीयों भारतीयता की एकरूपता की पहचान होती है। भारत का संविधान राष्ट्रीयता को एकता के साथ परिपूर्ण करता है। संविधान के हर शब्द में भारत की एकता की आत्मता बसी हुई है। इसलिए हम सब संविधान के प्रति सम्मान आदर तथा उसमें कथित आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिवद्धता रखेंगे।

संविधान दिवस के अवसर पर सेन्ट थामस कालेज में एवं पुलिस अकादमी दुर्ग में कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव राहूल शर्मा ने संविधान की उद्देशिका की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संविधान विभिन्न जाति समुदाय एवं विभिन्न तरह के लोगों के बीच जरूरी भरोसा एवं सहयोग विकसित करता है। संविधान सरकार के गठन तथा फैसले लेने के अधिकार, सरकार के अधिकारों की सीमा, नागरिकों के क्या अधिकार है तथा अच्छे समाज के निर्माण के लिए लोगों से क्या अपेक्षाएं हैं यह व्यक्त करता है । नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है । संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के पैरालीगल वालिन्टियर्स विभिन्न स्थानों में विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन कर रहे है।
अधिवक्ताओं ने लिया संकल्प

संविधान दिवस के अवसर पर अखिल भारतीयअधिवक्ता परिषद जिला इकाई के तत्वावधान में 26 नवम्बर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट न्यायालय परिसर में स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पन कर सविधान दिवस मनाया गया। उपस्थित अधिवक्ताओं ने सामूहिक राष्ट्रगान व संविधान की उद्देशिका का वाचन कर संविधान अनुसार कार्य का संकल्प लिया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता राम पाटणकर, गिरिजा शंकर सिंह, रमेश शर्मा, गुलाब सिंह पटेल, महेन्द्र दिल्लीवार, साकेत मिश्रा, मो.दानिश परवेज़, प्रमोद शर्मा, ऋषिकांत तिवारी, अनिल जायसवाल, रविशंकर सिंह, हरेन्द्र उमरे, विजय चन्द्राकर, लक्ष्मीकांत शर्मा, दीपेन्द्र देशमुख, अनुराग त्रिपाठी, नीरज गुप्ता,सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।