भिलाई (छत्तीसगढ़)। सप्ताह भर पहले हथखोज भिलाई में हुए पार्षद हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। हत्या का कारण पुरानी रंजिश सामने आया है। इस मामले में पांच आरोपियों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया है। जिनके कब्जें से हत्या में प्रयुक्त तेजधार हथियार के साथ दो देसी कट्टा व 4 जिंदा कारतूस, 2 मोटरसाइकिल जब्त की गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने के अपराध के साथ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
बता दें कि 15 नवंबर की रात हथखोज बंधवा तालाब भिलाई 03 के पास अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हथखोज क्षेत्र के पार्षद सूरज बंछोर की हत्या कर दी गई थी। एकादशी रात लगभग 10 बजे पुलिस को सूचना मिलने पर आईजी दुर्ग रेंज ओपी पाल, एसएसपी बीएन मीणा, एएसपी सिटी संजय ध्रुव के साथ पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने हर एंगल से पड़ताल प्रारंभ की थी। घटनास्थल के समीप सीसीटीवी पर नजर आने वाले व्यक्तियों की पतासाजी कर पूछताछ की गई। वहीं पार्षद से रंजिश रखने वालों की भी तलाश की गई। इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि खुर्सीपार निवासी दिनेश उर्फ दिनू पाल के साथ की मुद्दों पर विवाद हुआ था और घटना के बाद से दीनू घर से लापता था। संदेह के आधार पर दीनू की पतासाजी प्रारंभ की गई। इस दौरान दीनू के जांजगीर-चांपा में छिपे होने की जानकारी पुलिस को मिली। अधिकारियों द्वारा सउनि राजेश पाण्डेय के नेतृत्व में आर . संदीप सिंह , सत्येंद्र मंढरिया , रिंकू सोनी , शहबाज खान को जांजगीर चांपा के लिए रवाना किया गया जहां से स्थानीय थाना सक्ती थाना प्रभारी रूपक शर्मा से संपर्क कर संयुक्त टीम द्वारा 03 संदेहियों को गिरफ्तार किया गया एवं 01 अन्य संदेही को हथखोज क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी दीनू पाल ने बताया कि लगभग 2 वर्ष पूर्व पार्षद सूरज बंछोर द्वारा उसे कट्टा दिया गया था। इस कट्टे के साथ वह पुलिस के हत्थे चढ़े गया था। सूरज द्वारा जेल से रिहाई में उसकी मदद किए जाने के आश्वासन पर दीनू ने सूरज के नाम का खुलासा पुलिस के सामने नहीं किया था। जिसके बाद सूरज अपने वादे से मुकर गया था। डेढ़ वर्ष पूर्व मनोज चौधरी एवं आशिक विश्वकर्मा ने विवाद के कारण दीनू पाल को मारपीट कर घायल कर दिया था। इसके अलावा सूरज ने अपने पार्षद पद के प्रभाव का उपयोग करते हुए दीनू के पानठेला को अतिक्रमण कार्रवाई के तहत हटवा दिया था। जिसके बाद से वह सूरज से रंजिश रखते हुए उसे सबक सीखना चाहता था।
हत्या की वारदात को अंजाम देने इस दीनू ने अपने साथी पुरुषोत्तम उर्फ बुड्डा , दीपक उर्फ भूरवा के साथ मिलकर योजना बनाई और हत्या के लिए खुर्सीपार निवासी मोहन को कट्टा उपलब्ध कराने के लिये संपर्क किया। कुछ समय पर पूर्व मोहन के द्वारा 02 कट्टा उपलब्ध कराया गया था , हत्या के उद्देश्य से दीनू , भूरू सारंगगढ़ से भिलाई आये। 15 नवंबर को मृतक सूरज बंछोर को तालाब पार के पास अकेला पा कर धाराधार हथियार से अपने साथी लोकेश साहू एवं पुरूषोत्तम के साथ मिलकर हत्या कर दी। जिसके बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए।
पुलिस की गिरफ्त में आए मुख्य आरोपी दीनू उर्फ दिनेश पाल (41 वर्ष) निवासी खुर्सीपार बालाजी नगर, उत्तम सोना (35 वर्ष) बालाजी नगर खुर्सीपार, दीपक उर्फ भूरू साहू (32 वर्ष) पुरानी बस्ती छावनी, लोकेश साहू (20 वर्ष) हथखोज भिलाई तथा मोहन के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया है। मामले का आरोपी दीनू उर्फ दिनेश पाल पूर्व में शराब तस्करी, आर्म्स एक्ट एवं मारपीट के मामलो में निरूद्ध रहा है। वहीं पुरुषोत्तम उर्फ सोना हत्या के प्रयास के मामले में जेल जा चुका है।
