नहीं होगा किसान आंदोलन वापस, संगठनों ने कहा एमएसपी सहित अन्य मांगों के लिए लिखेंगे पीएम को खुला खत

नई दिल्ली। किसान संगठनों ने कहा है कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चाकी बैठक के बाद इसका ऐलान किया गया। साथ ही कहा कि अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा जाएगा।

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले के बाद पहली बार हुई केएसएम की बैठक में एमएसपी गारंटी, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देने और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग पर आम सहमति बनी। सूत्रों से खबर मिली है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को अपनी बैठक में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को मंजूरी दे सकता है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुल खत लिखा जाएगा, जिसमें किसानों की लंबित मांगों का उल्लेख किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उस चिट्ठी में एमएसपी समिति, उसके अधिकार, उसकी समय सीमा, उसके कर्तव्य, विद्युत विधेयक 2020 और किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी का उल्लेख किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चिट्ठी में लखमीपुर खीरी की घटना के संबंध में केंद्रीय मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को बर्खास्त करने की भी मांग करेंगे। राजेवाल ने बताया कि किसान संयुक्त मोर्चा अब 27 नवंबर को फिर से बैठक करेगा। उसके बाद स्थितियों को देखते हुए आगे की रणनीति तय की जाएगी।