दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। नगर निगम दुर्ग में रिश्वतखोरी का एक मामला स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से सामने आया है। आरोप है कि निगम में पदस्थ एक अस्सिटेंट इंजीनियर द्वारा सिक्यूरिटी रकम वापस किए जाने के एवज में संबंधित ठेकेदार से 5 हजार रुपए की रकम की मांग की गई थी। इस मांग की पूर्ति करते समय संबंधित द्वारा इसका लाइव विडियो बना लिया। जिसके वायरल होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। विडियो में असिस्टेंट इंजीनियर बीपी मिश्रा रिलीज रकम के एक पर्सेन्ट की मांग करते हुए सुना दे रहे हैं। साथ ही ली गई रकम को शर्ट की जेब में रखते दिख रहे है।
इस संबंध में पीड़ित ठेकेदार व भाजयुमों नेता रितेश शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा वर्ष 2017 में दुर्ग निगम के लोककर्म विभाग द्वारा काम निकाला गया था। यह काम उन्होंने पूरा किया था। इस काम के एवज में विभाग में सिक्योरिटी डिपॉजिट और परफार्मेंस गारंटी (एसडी और पीजी) की राशि जमा थी। जिसे रिलीज करने के लिए दुर्ग निगम के असिस्टेंट इंजीनियर बीपी मिश्रा द्वारा बतौर रिश्वत लगातार रकम की मांग की जा रही थी। वहीं रकम के लिए बार बार फोन कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। जिससे परेशान होकर रिश्वतखोरी के इस मामले का पर्दाफाश किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्ग निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई जिम्मेदारों द्वारा नहीं की जा रही है। उन्होंने सवाल किया है यह भ्रष्टाचार विधायक, महापौर, अथवा निगम आयुक्त किसके संरक्षण में चल रहा है, इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने निगम आयुक्त, कलेक्टर, नगरीय प्रशासन मंत्री तथा मुख्यमंत्री से रिश्वतखोरी के इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
