चयनित सहायक प्राध्यापकों ने की पुलिस वेरिफिकेशन प्रक्रिया को शिथिल करने की मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। लोक सेवा आयोग परीक्षा के माध्यम से चयनित सहायक प्राध्यापकों ने नियुक्ति के लिए पुलिस वेरिफिकेशन की अनिवार्यता को शिथिल किए जाने की मांग की है। चयनित प्राध्यापकों का कहना है कि पुलिस वेरिफिकेशन की जटिल व लंबी प्रक्रिया के चलते अधिकांश चयनित प्राध्यापकों को नियुक्ति नहीं मिल पाई रही हैं। इस मुद्दे को लेकर प्रभावित प्राध्यापकों ने आज मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।

ज्ञापन में बताया गया है कि चयनित प्राध्यापकों की नियुक्ति से पूर्व पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाना अनिवार्य है। जिसमें काफी समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा के माध्यम से प्राध्यापक पद के लिए चयनित 40 से 50 उम्मीदवारों को इस जटिल प्रावधान के कारण नियुक्ति नहीं मिल पाई है। उन्होंने मांग की है कि या तो पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए अथवा अनिवार्यता नियम को शिथिल किया जाए। प्राध्यापकों पहले नियुक्ति प्रदान की जाएगी, जिसके बाद वेरीफिकेशन की प्रक्रिया संपादित की जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष शिक्षण सत्र की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन चयनित प्राध्यापकों नियुक्ति नहीं मिलने के कारण वे अध्यापन की सेवा प्रदान नहीं कर पाए रहे हैं।