रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने राज्यपाल के कवर्धा मामले पर लिखे पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने इशारे में आरएसएस की तुलना नक्सलियों से की है। मुख्यमंत्री ने कहा जैसे छत्तीसगढ़ में पनप रहे नक्सलियों का नेता आंध्रप्रदेश में है और आंध्रप्रदेश में ही रहकर पूरा मूमेंट संचालित होता है। वैसे ही छत्तीसगढ़ में आरएसएस के पास अपनी कोई क्षमता नहीं है। जो चलता है, नागपुर से चलता है। उन्होंने कहा हम लोग किसी भी घटना को हल्के में नहीं लेते हैं। बीजेपी बिना वजह छोटी घटना को बड़ा बनाना चाहती हैं।
सीएम बघेल ने सावरकर पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि सावरकर माफ़ी मांगने के बाद पूरी ज़िंदगी उनके साथ रहे। सवारकर अंग्रेजों के फूट डालों-राज करो के एजेंडे को आगे बढ़ाते रहे। दो राष्ट्र की बात सबसे पहले सावरकर ने ही की थी। कोयला संकट पर बघेल ने बात करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले तो सरकार दावा करती है कि देश में कोयला संकट नहीं है। अगर संकट नहीं है तो कोयला मंत्री छत्तीसगढ़ क्यूं आए हैं, छत्तीसगढ़ के ज़िलों का दौरा क्यूं कर रहे हैं। बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार को कोयले की कमी स्वीकार कर लेनी चाहिए।
सीएम भूपेश बघेल ने सीडब्लूसी की बैठक पर कहा कि बैठक में चुनाव और उपचुनावों को लेकर चर्चा होगी। हम तो चाहते हैं राहुल गांधी ही अध्यक्ष बने रहे। इस मामले पर कई बार चर्चा भी की गई है। इसके साथ ही बघेल ने हसदेव अरण्य को लेकर आदिवासियों के पैदल मार्च पर अपनी राय रखते हुए कहा कि हम तो सभी से बात कर रहे हैं, जो मिलना चाहें सबके लिए दरवाज़े खुले हैं।
