दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घर में अकेली महिला के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध यौनाचार किए जाने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में फैसला सुनाया गया है। मामले के आरोपी को विभिन्न धाराओं के तहत कुल 18 वर्ष सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया है। इसके अलावा आरोपी को 5 हजार रुपए के कुल अर्थदण्ड से भी दंडित किया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने पैरवी की थी।
मामला अमलेश्वर थाना क्षेत्र का है। 11 अक्टूबर 2015 की शाम पीड़ित 30 वर्षीय महिला अपने अपनी बच्ची को दूध पिला रही थी। इसी दौरान मोहल्ले का युवक जागेश्वर गोस्वामी उर्फ बाबा (34 वर्ष) ने उसके घर में जबरिया प्रवेश किया और महिला के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध यौनाचार किया। जिसके बाद वह भागने लगा। पीड़िता द्वारा शोर मचाने जाने पर आसपड़ोस के लोगों ने युवक को पकड़ लिया। जिसके बाद घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी जागेश्वर के खिलाफ घर में बिना अनुमति प्रवेश करने और महिला को जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाने के अपराध के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश मधु तिवारी ने आरोपी को घर में अनुमति के बिना प्रवेश करने और धमकाकर जबरिया यौनाचार करने दोषी करार दिया। अभियुक्त जागेश्वर गोस्वामी उर्फ बाबा को दफा 450 के तहत 7 वर्ष कारावास व 2 हजार रुपए अर्थदण्ड, दफा 506(2) के तहत एक वर्ष कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड तथा दफा 376(1) के तहत 10 वर्ष कारावास व 2 हजार रुपए अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
