बेदखली नोटिस से आत्महत्या मामले में निगम प्रशासन आया हरकत में, बनी जांच कमेटी, नोटिस जारी

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। सिद्धार्थ नगर में बेजा कब्जों के आधार पर बेदखली नोटिस व आत्महत्या के मामले में निगम प्रशासन हरकत में आ गया है। निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के कमेटी का गठन कर दिया गया है। वहीं नोटिस जारी कर्ता भवन निरीक्षक को 24 घंटे की अवधि में जवाब तलब किया गया है।

बता दें कि सिद्धार्थ नगर निवासी 7 परिवारों को उनके घर को बेजा कब्जा बताते हुए निगम प्रशासन की भवन शाखा द्वारा नोटिस जारी किया गया था। यह नोटिस दुर्ग सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया समिति अध्यक्ष घनश्याम दिल्लीवार के आवेदन पर जारी किया गया था। जिसमें सिद्धार्थ नगर के इस 10 हजार वर्ग फुट की जमीन का आवंटन 1961 में समिति को प्रदान किए जाने का उल्लेख किया गया था। इसके अलावा नोटिस जारी होने से पूर्व उक्त भूखंड का नापजोख कर समिति के सदस्यों द्वारा काबिज परिवारों को धमकाया भी गया था। जबकि इन परिवारों के पास नजूल विभाग द्वारा जारी पट्टा भी था। धमकी व नोटिस मिलने से व्यथित यहां काबिज निगम कर्मी बिनेश गुजरिया ने आत्महत्या कर ली थी। इस घटना से आक्रोशित महर्षि सुदर्शन वाल्मीकि मखियार सामाजिक संगठन द्वारा निगम का घेराव कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा था।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निगम आयुक्त हरेश मंडावी द्वारा मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है। प्रभारी कार्यपालन अभियंता आरके पांडेय की अध्यक्षता में इंजीनियर जितेन्द्र सौम्या, भारती ठाकुर तथा लेखा अधिकारी आरके बोरकर को सदस्य नियुक्त किया गया है। जांच समिति नोटिस किन परिस्थितियों में जारी किया गया। इसकी जांच कर प्रतिवेदन आयुक्त को सौंपेगी। वहीं इस मामले में भवन निरीक्षक विनोद मांझी को भवन अधिकारी से नस्ती में अनुमति प्राप्त किए बिना संबंधितों को बेदखली नोटिस जारी किए जाने को स्वेच्छाचारिता की श्रेणी में माना गया है। नोटिस जारी करने में नगर निगम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के प्रावधानों की अनदेखी किए जाने के मद्देनजर कारण बताओ नोटिस आयुक्त ने जारी किया गया है। नोटिस का संतोषजनक जवाब 48 घंटे में नहीं किए जाने पर सिविल सेवा अधिनियम के तहत कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है।