साथी की आत्महत्या से नाराज वाल्मीकि समाज ने घेरा निगम कार्यालय, कमीश्नर ने दिया जांच व कार्रवाई का आश्वासन

दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। निगम प्रशासन के कब्जा बेदखली नोटिस से व्यथित अधेड़ द्वारा की गई आत्महत्या का मामला तूल पकड़ने लगा है। आत्महत्या से नाराज वाल्मीकि व उत्कल समाज ने आज शाम रिक्की समुंदर के नेतृत्व में निगम कार्यालय का घेराव किया। वहीं भाजपा पार्षदों ने संगठन के साथ कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान मृतक के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति तथा आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की मांग की गई। जिस पर प्रशासनिक स्तर पर जांच कराने और हर संभव सहायता पीड़ित परिवार को प्रदान किए जाने का आश्वासन प्रदर्शनकारियों को मिला है। हालांकि मृतक के परिजनों को कितनी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी इसकी घोषणा न तो जिला प्रशासन ने की है और न ही महापौर धीरज बाकलीवाल की परिषद ने की है। घटना के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी शहर विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल की चुप्पी चर्चा का विषय बनी हुई है। जबकि नोटिस जारी होने की दहशत में जान देने वाला व्यक्ति निगम का कर्मचारी था।

बता दें कि कांग्रेस भवन के पीछे स्थित बस्ती सिद्धार्थ नगर के 7 बाशिंदों को निगम की भवन शाखा द्वारा बेदखली का नोटिस जारी किया गया था। इन सात परिवारों को दुर्ग सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया समिति को आवंटित जमीन पर काबिज होने का हवाला दिया गया था। बताया जा रहा है कि निगम के नोटिस से एक सप्ताह पूर्व समिति के सदस्य मौके पर गए थे और जमीन का नापजोख कर इन लोगों को बेजा कब्जा करने और कब्जा हटाने धमकाया गया था। साथ ही घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की चेतावनी दी गई थी। जिससे क्षेत्रवासी पहले से ही दहशतजदा था, जिसके बाद निगम की भवन शाखा के नोटिस से उनका सब्र जवाब दे दिया। व्यथित निगम कर्मी बिनेश गुजरिया ने हाथ व गले की नस काट कर जान दे दी थी।
इस आत्महत्या के मामले के बाद वाल्मीकि समाज काफी नाराज हो गया।  वही भाजपा ने निगम कर्मी की आत्महत्या के लिए निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया।
एक दूसरे पर जिम्मेदार थोप रहे निगम अधिकारी
दुर्ग सहकारी विपणन व प्रक्रिया समिति के अध्यक्ष घनश्याम दिल्लीवार द्वारा निगम में आवेदन किया गया था। जिसमें उनकी समिति को आवंटित भूमि पर नामजद सात लोगों द्वारा कब्जा किए जाने का हवाला दिया गया था। इस आवेदन को निगम कमिश्नर द्वारा आवश्यक कार्रवाई की टीप के साथ भवन अधिकारी प्रकाश थवानी को भेज दिया गया था। निगम प्रशासन को 13 सितंबर को प्राप्त इस आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए भवन शाखा की ओर से आवेदन में उल्लेखित नामों पर बिना पड़ताल किए नोटिस जारी कर दिया गया। जबकि अधिकांश कब्जाधारियों के पास नजूल विभाग द्वारा जारी पट्टा वर्षों से मौजूद है और हाल ही में नवीनीकरण कराया गया है। इस मामले में भवन अधिकारी प्रकाश चंद थवानी अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है। उनका कहना है कि भवन निरीक्षक द्वारा यह नोटिस जारी किया गया है। बिना भवन अधिकारी की सहमति के निरीक्षक द्वारा कैसे नोटिस जारी किया जा सकता है, यह समझ से परे है।
कमीश्नर ने कहा जांच कर की जाएगी कार्रवाई
निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने कहा है कि इस मामले की पूरी तरह जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि रूटीन के तौर पर आवेदन के निराकरण के लिए संबंधित विभाग भवन शाखा को आवश्यक कार्रवाई के लिए फाइल भेजी गई थी। जिस पर परीक्षण किया जाना था। इस आवेदन पर नोटिस किस नियम अथवा किस आधार पर जारी किया गया। इसकी जांच कर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मृतक निगम कर्मी के परिवार के प्रति उनकी पूरी संवेदना है और परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा फिलहाल बेदखली नोटिस पर कार्रवाई स्थगित की जा रही है। जांच व परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।