दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। नगर निगम प्रशासन के जारी बेदखली नोटिस से 7 परिवारों में दहशत का माहौल है। इस दहशत के चलते एक अधेड़ ने गले व हाथ की नस काट कर आत्महत्या कर ली। वहीं निगम अधिकारियों का कहना है कि कब्जा भूखंड दुर्ग सहकारी विपणन व प्रक्रिया समिति को आवंटित है। जिसके आवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
बता दें कि रविवार की सवेरे सिद्धार्थ नगर (हरिजन पारा) निवासी बिनेश गुजरिया ने आत्महत्या करने की नियत से अपने हाथ व गले की नस काट ली थी। जिससे उसकी मौत हो गई थी। आत्महत्या का कारण शनिवार को निगम की भवन शाखा से बेदखली का नोटिस मिलना सामने आया। मृतक बिनेश स्वयं निगम का कर्मचारी था और हाल ही में 8 लाख रुपए को लोन लेकर मकान को नए सिरे से बनवाया था। एक सप्ताह पूर्व ही गृह प्रवेश किया था। नोटिस मिलने के बाद से वह व्यथित था और आज सवेरे उसने यह आत्मधाती कदम उठा लिया।
मृतक बिनेश बिनेश गुजरिया के साथ ही वहां निवास करने वाले 7 परिवारों को बेदखली का नोटिस मिला है। जिनमें दुर्गा प्रसाद, तुलसी दास, लखन लाल, दिलीप गुजरिया, पंचू गुजरिया तथा खुदल सेवते के नाम शामिल है। सभी परिवारों का कहना है कि उनका खानदान पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से यहां काबिज है। साथ ही उनके पास राजस्व विभाग द्वारा जारी नजूल का पट्टा भी है। जिसका नवीनीकरण हाल में कराया गया है।
निगम की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम में निगम की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। पट्टाधारकों को बेदखली का नोटिस दिए जाने में इतनी हड़बड़ी क्यों दिखाई गई यह सवाल मृतक के परिजनों के साथ वाल्मीकि समाज पूछ रहा है। इस संबंध में भवन शाखा अधिकारी प्रकाश चंद थवानी का कहना है कि यह भूखंड दुर्ग सहकारी विपणन एंव प्रक्रिया समिति को आवंटित है। आवंटन प्राप्त संस्था द्वारा भूमि पर बेजा कब्जा होने का हवाला देते हुए भूखंड खाली कराने का आवेदन निगम प्रशासन को दिया था, जिसके आधार पर नोटिस जारी किए जाने की कार्रवाई की गई है। यहां यह बता दें कि राजस्व विभाग द्वारा उक्त संस्था को वर्ष 1961 में हरिजन पारा में 10000 वर्ग फुट जमीन का आवंटन किया गया था। जिसके बाद से अब तक संस्था द्वारा भूखंड का आधिपत्य लेने का प्रयास नहीं किया गया। अचानक 13 सितंबर 2021 को समिति के अध्यक्ष घनश्याम दिल्लीवार द्वारा निगम में भूखंड को खाली कराए जाने का आवेदन किया जाता है और निगम प्रशासन आनन फानन में बिना जांच के बेदखली की प्रक्रिया प्रारंभ कर देती है। नतीजा एक व्यक्ति की जान चली जाती है।
वाल्मीकि समाज उद्वेलित
बिनेश की मृत्यु के बाद से वाल्मीकि समाज उद्वेलित नजर आ रहा है। समाज के लोगों ने इस मुद्दे को लेकर सिटी कोतवाली का घेराव किया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। वहीं समाज के अध्यक्ष शुभम गोइर ने इस घटना के लिए निगम प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन द्वारा मामले की पड़ताल किए बिना बेदखली नोटिस भेजने की कार्रवाई की, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने मांग की पहले भूखंड के संबंध में विधिवत जांच की जाए, उसके बाद आगे कार्रवाई की जाए। इस मामले में सीएसपी जितेन्द्र कुमार यादव का कहना है कि फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया है। विवेचना बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
