दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। प्रदेश सरकार से पुरानी पेंशन योजना लागू करने, मंहगाई भत्ता में वृद्धि सहित अन्य 14 सूत्रीय मांगों के समर्थन में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बेनर तले फिर से हुंकार भरी गई है। मांगों के समर्थन में जारी चरणबद्ध आंदोलन के तहत आज कलमबंद, काम बंद का आह्वान किया गया। कर्मचारी सामूहिक रूप से अवकाश लेकर इस आंदोलन में शामिल हुए और धरना दिया गया। लगभग सभी कर्मचारी संगठनों ने अपना समर्थन देकर इस प्रदर्शन में शिरकत दी। गर्वमेंट स्कूल के पास आयोजित धरना प्रदर्शन के दौरान सभी कर्मचारी सरकार विरोधी नारे लगाए। जिसके बाद रैली निकाल कर कलेक्टोरेट पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांतीय सचिव राजेश चटर्जी ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन अधिकारी कर्मचारी करते है। सरकार कर्मचारी चला रहे हैं, इसके बावजूद सरकार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। वर्ष 2019 से अधिकारी कर्मचारियों को 12 फीसदी मंहगाई भत्ता दिया जा रहा, जबकि केंद्र के कर्मचारियों को 28 फीसदी भत्ता मिल रहा है। जिससे राज्य के कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार से बार बार मांग किए जाने के बाद भी इसकी अनदेखी की जा रही है। इसके अलावा कर्मचारी हित की अन्य मांगों के निराकरण के प्रति भी सरकार उदासीन है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इन मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो संगठन द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल का मार्ग अख्तियार किया जाएगा। वहीं जिला अध्यक्ष विजय लहरे ने बताया कि जिले के सभी 52 विभागों के अधिकारी कर्मचारी इस आंदोलन का समर्थन दे रहे हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन द्वारा मंहगाई भत्ता में बढौतरी, पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग के साथ अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण, समयमान वेतन, वेतन विसंगतियों को दूर करने, कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों को 50 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान किए जाने की मांग के साथ 14 सूत्रीय मांगों के समर्थन पर चरणबद्ध आंदोलन अभियान चलाया जा रहा है। धरना प्रदर्शन के दौरान आयोजित न्याय सभा को संभाग संयोजक आनंदमूर्ति झा, हरि शर्मा एवं प्रवक्ता अनुरूप साहू, विष्णु चन्द्राकर, श्रवण ठाकुर एवं संजय शर्मा ने भी संबोधित किया। इस दौरान अनिल सिंह, शिव शर्मा, विरेन्द्र ठाकुर, अश्वनी वर्मा, डी एस भारद्वाज, विपिन जैन, देवेंद्र बंछोर, प्रेमशंकर साहू, प्रमोद कुमार यादव, हरनारायण सिंह राजपूत, अनिल मेश्राम, एम एम कुरैशी आदि कर्मचारी नेता विशेष रूप से उपस्थित रहे।
