जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने लगाया हिंदी भवन में शिविर, रोको टोको के साथ किया जा रहा जागरूक

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नागरिकों को कोरोना तथा कानूनी रूप से जागरूक करने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा हिंदी भवन में जागरूकता शिविर लगाया गया है। यह शिविर आज 19 जुलाई से 25 जुलाई तक प्रतिदिन लगाया जाएगा। जिसमें न्यायायिक अधिकारी विभिन्न कानूनी जानकारी नागरिकों को देंगे। वहीं कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी किए जाने वालों को समझाइश दी जा रही है। आज साइबर क्राइम से बचाव के संबंध में उपस्थित न्यायाधीशों ने दी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन व निर्देश पर जागरूकता अभियान प्रारंभ किया गया है। इसके तहत लगाए गए शिविर में रोको-टोको के साथ कानूनी विधिक जानकारी दी जा रही है। जागरूकता अभियान में विशेष तौर पर ऐसे लोग को जो कि बिना मास्क धारण किए घूम रहे हैं, उन्हें इस आशय का बंधपत्र भरवाया जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण के बचाव के संबंध में सार्वजनिक स्थान पर मास्क अवश्य लगाउॅगा तथा शासन की कोविड संबंधी नियमों का पालन करूंगा इस अवसर पर एडीजे राकेश कुमार वर्मा, विवेक वर्मा एवं अविनाश त्रिपाठी ने उपस्थित होकर बताया कि कोविड संबंधित नियमों का पालन करना अति आवश्यक है तभी कोविड-19 से बचा जा सकता हेेै। साथ ही बताया कि कोविड से बचाव के लिए हमारा सबसे बड़ा हथियार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है, परंतु आम लोगो द्वारा  बहुत सी लापरवाही बरती जा रही है। लोग मास्क पहनकर नहीं निकल रहे और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। न्यायाधीश गणों ने बताया  कि कोविड के समय में लोग घरों में बैठे हैं और ज्यादातर समय इंटरनेट पर बीत रहा है। बैंकिंग का काम भी ऑनलाइन बैकिंग ही हो रहा है, ऐसे कुछ हैकर्स एक्टिव होकर मौके का फायदा उठा रहे हैं और लोगों को कभी कोई स्कीम के नाम पर तो कभी डोनेशन के नाम पर ठग रहे  हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर ठगने का काम भी कर रहे हैं। ऐसे में सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल करते समय अलर्ट रहना चाहिए। हाल ही में फर्जी फेसबुक अकाउंट से धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं। साइबर ठग फेसबुक का फर्जी अकाउंट खोलकर लोगों से चीटिंग कर रहे हैं और यह काम इतनी होशियारी से किया जा रहा है कि यूजर्स को खबर तक नहीं लग पाती कि उसके फर्जी खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। साइबर ठग सबसे पहले आपके प्रोफाइल से आपका फोटो डाउनलोड कर के आपके नाम से फेक अकाउंट बनाकर आपके फ्रेंड को रिक्वेस्ट भेजता है। जैसे ही फ्रेंड रिक्वेस्ट को आपका फेसबुक फ्रेंड मंजूर करता है वैसे ही आपके फ्रेंड से डोनेशन के नाम पर पैसे मांगा जाता हेै। ये साइबर ठग अपनी बातों में ऐसे उलझाते हैं कि लोग उनके झांसे में आ जाते है। फिर वॉलेट से पैसा मांग जाते है। कुछ ऐसे भी मामले आए हैं जिनमें साइबर ठग लोगों को विश्वास में लेकर उनके वॉलेट की जानकारी मांगते हैं और फिर उसे खाली कर देते है।