बस आपरेटरों की अनिश्चित कालीन हड़ताल से थमे बसों के पहिए, यात्री परेशान

दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। यात्री बसों का किराया बढ़ाए जाने सहित अन्य मांगों के समर्थन में बस संचालकों ने आज से अपनी बसों के पहिए रोक दिए है। पूर्व घोषित निर्णय के अनुसार पूरे प्रदेश के बस आपरेटर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के बैनर तले प्रारंभ इस हड़ताल का असर दुर्ग में भी देखने को मिला। दुर्ग से विभिन्न क्षेत्रों के लिए चलने वाली बसे सड़कों पर नहीं निकली। जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

हड़ताल के समर्थन में दुर्ग में बस संचालकों द्वारा प्रकाश देशलहरा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से बस का किराया बढ़ाने और निष्प्रयोग के नियमों में बदलाव की मांग को लेकर बस आपरेटर सड़क पर उतरे हैं। छत्तीसगढ़ में बस का किराया वर्ष 2018 में बढ़ाया गया था। उस समय डीजल का रेट 66 रुपए था। आज डीजल का रेट लगभग 98 रुपए प्रति लीटर हो गया है, लेकिन बस का किराया नहीं बढाया गया है। इसके अलावा वाहन निष्प्रयोग का नियम दो माह के लिए किया जाने का विरोध भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस आपरेटर अपनी मांगों को लेकर परिवहन मंत्री से चार बार चर्चा कर चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलने पर आंदोलन का मार्ग अख्तियार करना पड़ा। मध्य प्रदेश में 2018 के बाद से दो बार सरकार ने बसों के किराए में वृद्धि की है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इस पर मौन है। डीजल की कीमतों में वृद्धि और नए नए सरकारी नियमों के कारण बस संचालकों लगातार आर्थिक नुकसान हो रहा है और उन्हें अपने परिवार का भरण पोषण करना भी भारी पड़ रहा है। सरकार की इस चुप्पी के विरोध में यह अनिश्चित कालीन हड़ताल को प्रारंभ किया गया है। कल महासंघ के आव्हान पर बस आपरेटर खारून नदी में जल समाधी लेकर आंदोलन का विस्तार करेंगे।