दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घर में अकेली युवती के साथ जबरिया शारीरिक संबंध बनाने वालें दो युवकों को अदालत द्वारा कुल 27 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। यह फैसला न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में सुनाया गया है। घटना के समय घर में युवती अकेली थी, जिसका फायदा आरोपियों ने उठाया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने पैरवी की थी।
मामला उतई थाना क्षेत्र का है। पीडि़त युवती गांव में अपनी मायके में अपनी मां के साथ रहती है। मां के साथ ही मजदूरी कर अपना जीवन यापन करती थी। घटना दिनांक 13 जून 2019 को युवती अपने घर के अंदर बैठी थी। इसी दौरान ग्राम के ही भोकोचंद उर्फ बालकदास बघेल (25 वर्ष) तथा लीलाधर चतुर्वेदी (25 वर्ष) घर में जबरिया घुस आए और युवती का मुंह दबाकर उसकी इच्छा के विरुद्ध बारी बारी अनाचार किया। उसके शोर मचाए जाने पर मां मौके पर पहुंची तो दोनों आरोपी मौके से भाग निकले। जिसके बाद घटना की शिकायत उतई थाना में दर्ज कराई गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दफा 450, 376डी, 506 के तहत जुर्म दर्ज कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण (फास्ट टे्रक कोर्ट) अपर सत्र न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में विचारण किया गया। प्रकरण पर विचारण पश्चात दोनों युवकों को घर में जबरिया प्रवेश कर युवती की इच्छा के विरूद्ध शारीरिक संबंध बनाने का दोषी करार दिया गया। अभियुक्त भोकोचंद उर्फ बालकदास बघेल तथा लीलाधर चतुर्वेदी को दफा 376डी के तहत 20-20 वर्ष सश्रम कारावास तथा 2 हजार रु. अर्थदंड और दफा 450 के तहत 7-7 वर्ष तथा 2-2 हजार रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।
