दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पत्नी का बार बार कामकाज करने का उलहाना देने पति को इतना नागवार गुजरा कि उसने अपनी पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इस मामले में विचारण के पश्चात अदालत ने आरोपी पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल की अदालत में आज बुधवार को सुनाया गया। प्रकरण पर अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक सत्येंद्र सिहं ठाकुर ने पैरवी की थी।
मामला नेवई थाना क्षेत्र के ग्राम मिनी माता नगर का है। आरोपी खौपलीडीह (उतई) निवासी देव कुमार बारले (22 वर्ष) का विवाह संध्या के साथ हुआ था। विवाह के बाद देव द्वारा कोई कामकाज नहीं किए जाने से पत्नी संध्या काफी निराश रहती थी और प्राय: उसे कामकाज करने की सलाह देते थी। जिसको लेकर प्राय: दोनों में विवाद होता रहता था। वर्ष 2018 में नवरात्री व दशहरा पर्व मनाने के लिए संध्या परिवार के साथ अपने मां निर्मला गायगवाड़ के यहां आई हुई थी। 19 अक्टूबर की सवेरे संध्या द्वारा देवकुमार को कामकाज नहीं करने का उलाहना दिए जाने पर दोनों में विवाद हो गया। विवाद के दौरान देवकुमार द्वारा मारपीट किए जाने पर संध्या की बहन शशिकला चंदेल व रविना ने बीचबचाव करने का प्रयास किया तो देवकुमार ने इसे पति पत्नी के बीच का मामला बताया और धमका कर भगा दिया। जिसके बाद कमरा बंद कर संध्या से मारपीट की और उसकी ही चुन्नी से संध्या का गला घोंट दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना की सूचना शशिकला ने पुलिस को दी थी। पुलिस ने मामले में आरोपी पति देवकुमार बारले के खिलाफ दफा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण अपर सत्र न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल की अदालत में किया गया। प्रकरण में विचारण के दौरान घटना की प्रत्यक्षदर्शी मृतका की बहनों के कथन तथा साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त देवकुमार बारले को पत्नी की हत्या करने का दोषी करार दिया गया। मामले में आरोपी को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास के साथ 1000 रु. के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।
