दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। पैट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच आज आखिरकार ट्रांसपोर्ट का गुस्सा फूट पड़ा। छत्तीसगढ़ के ट्रांसपोर्टर्स ने आज सोमवार को इस वृद्धि के विरोध में काला दिवस मनाया। विरोध में वाहन मालिकों ने काले झंडे निकाल कर कलेक्टर को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें मांगों का निराकरण नहीं किए जाने पर अगस्त के पहले सप्ताह में देश व्यापी वाहनों के चक्काजाम की चेतावनी दी है।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील ट्रक ट्रेलर आनर एसोसिएशन के प्रभुनाथ बैठा ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा ने पैट्रोल-डीजल की कीमतों को कम किए जाने का वादा किया था, लेकिन सात साल के कार्यकाल में कीमतें में कम होने बजाए बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिसका व्यापक असर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर पड़ा है। वहीं केंद्र सरकार इस स्थिति के प्रति उदासीन बनीं हुई है। ब्लैक मोरटोरियम बीमा के विस्तार, अन्य करो व शुल्क में किसी तरह की रियायत नहीं दी है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का भ्रष्टाचार चरम पर है। एनपीए में लगातार वृद्धि हुई है और वित्तीय संस्थानों की ओर से वाहनों की जब्ती, परिवहन वाहनों की वसूली के लिए दबाव बड़ रहा है। जिसके कारण ट्रांसपोर्टर्स आर्थिक संकट से जूझने के साथ साथ जीविका के लिए संकट कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण नहीं किया जाता तो आंदोलन का विस्तार किया जाएगा।
सौंपे गए ज्ञापन में केंद्र व राज्य सरकारों से पैट्रोल-डीजल पर लगने वाले विभिन्न करों में कमी करने। पैट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल कर पूरे देश में एक कीमत तय किए जाने, कीमतों का तिमाही मासिक संशोधन करने, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के हिसाब से माल वाहकों की दरें भी निर्धारित किए जाने, ईएमआई में 6 माह की छूट दिए जाने आदि मांग की गई है।
