दुर्ग (छत्तीसगढ़)। भाजपा किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि शासन व प्रशासन द्वारा किसानों पर सोसायटी के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट खाद जबरिया खरीदी के लिए दबाव बनाया जा रहा है। शासन की मंशा अनुसार बिक्री नहीं किए जाने पर सोसायटी प्रबंधक को कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है। जिसको लेकर किसानों में आक्रोश है।
किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष विनायक ताम्रकार ने बताया है कि आज प्रत्येक किसान, शासन की कंपोस्ट खाद जोर जबरदस्ती बिक्री सोसाइटी के माध्यम से करने पर नाराज है। आज प्रत्येक एकड़ में 3 बोरी यानी कि 900 रुपए प्रति एकड़ अधिक खर्च होगा। शासन द्वारा कलेक्टर और डीआर के माध्यम से प्रत्येक सप्ताह मीटिंग कर किसानों को भूपेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए कंपोस्ट खाद बिक्री के लिए सोसाइटी के मैनेजर को दबाव डाला जा रहा है। नहीं बिक्री करने पर उन्हें धमकी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण किसानों की फसल बिक्री नहीं हो पाई थी। किसान रवि फसल की धान भी 1200 रु में बेचने पर मजबूर हो गए थे। सरकार द्वारा पूर्व में 1400 रुपए प्रति क्विंटल धान मिलों को बेचने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया स्वयं किसान किसान है और सरकार लगातार किसान हितैषी होने का दावा कर रही है। इसके बावजूद किसानों के हित की अनदेखी की जा रही है। उन्हें जबरदस्ती कंपोस्ट खाद खरीदने मजबूर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर मुफ्त में कंपोस्ट खाद देनी चाहिए। जो सरकार किसानों से मुट्ठीभर व अनाज लेकर दिल्ली में किसान आंदोलन को समर्थन दे रही है वह सरकार आज छत्तीसगढ़ में किसानों का शोषण कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस स्थिति पर रोक नहीं लगाए जाने पर मोर्चा प्रदेश भर में आंदोलन का मार्ग अख्तियार करेगा।
