बेमेतरा (छत्तीसगढ़)। जिले के ग्राम दाढ़ी व ग्राम कोंगियाकला की तीन नाबालिग कन्याओं के विवाह को रोकने में प्रशासनिक अमले को सफलता मिली है। जिला कार्यक्रम अधिकारी विद्याधर पटेल एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव को इन ग्रामों में 18 वर्ष से कम आयु की कन्याओं का विवाह किए जाने की जानकारी मिली थी। अधिकारियों के निर्देश पर बेमेतरा जिले के ग्राम दाढ़ी मे 16 वर्ष 8 माह की नाबालिग बालिका एवं सजा विकासखंड के ग्राम -कोंगियाकला मे दो नाबालिग बलिकाओ का बाल विवाह रुकवाया गया।
बाल विवाह की सूचना मिलने पर जिला मुख्यालय से गठित टीम समय पर विवाह स्थल पर पहुँच कर बाल विवाह को रुकवाने मे सफल रही। उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों द्वारा बलिकाओ के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 जिसके अंतर्गत 21 वर्ष का लड़का और 18 वर्ष की लड़की के उम्र के पहले अगर विवाह करता या करवाता है तो 2 साल की सजा या 1 लाख का जुर्माना या दोनो से सजा का प्रावधान है की समझाइश दी गई।
परिजनों के द्वारा सहमति देते हुए बताया गया की वह बाल विवाह अनजाने मे कर रहे थे उनको बाल विवाह के बारे में जानकारी नही थी। समझाइश देने पर परिजनों ने विवाह स्थगित कर दिया। टीम में राजकुमार मरावी नायब तहसीलदार दाढ़ी, मीला बंजारे (पर्यवेक्षक परियोजना साजा), यीश्वरी वाल्दे ( विधिक सह परिविक्षा अधिकारी), सुरेन्द्र कुमार साहू, हितेश्वरी साहू (आउटरिच वर्कर), दिनेश कश्यप, चेतन सिंह, टीम मेंबर चाइल्ड लाइन बेमेतरा और पुलिस विभाग से भलेन्तिनुस पन्ना, सौरभ सिंह शामिल थे।
लापरवाही बरतने पर नोटिस जारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग बेमेतरा द्वारा कार्य मे लापरवाही बरते एवं वरिष्ठ अधिकारियों को बाल विवाह की पूर्व सूचना नही देने के कारण सम्बंधित ग्राम दाढ़ी की आँगन बाड़ी कार्यकर्ता शमीना बेगम तथा महिला सुपरवाइजर मुख्यालय ग्राम दाढ़ी उत्तरा बंजारे को शो काज नोटिस जारी किया गया है। जवाब सन्तोष जनक नही पाए जाने पर कड़ी अनुशानात्मक कायर्वाही की चेतावनी दी गई है।
