दुर्ग में फिर टूटा कोरोना का रिकार्ड, 2272 मिले नए संक्रमित, 27 मौतें, प्रशासन बेपरवाह

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोना संक्रमण के मामले में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले ने एक बार फिर से नया रिकार्ड बनाया है। शनिवार को यहां 4002 संभावित लोगों का टेस्ट किया गया, जिनमें से 2272 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए है। वहीं 27 संक्रमित मरीजों की मौत होने की प्रशासनिक तौर पर पुष्टी की गई है। जहां कोरोना के आंकड़ों में दिल दहलाने वाली वृद्धि हो रही है, वहीं इससे मुक्ति दिलाने के संबंध में जिला प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण को रोकनेे प्रशासन द्वारा दुर्ग जिले में 9 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। इस लाॉकडाउन की अवधि में ही कोरोना की डरावनी तस्वीर उभर कर सामने आ रही है। मरीजों की संख्या में जहां इजाफा हो रहा है। वहीं अब संक्रमितों की मौतों को आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इस स्थिति के प्रशासनिक स्तर पर दूरदर्शिता की कमी को माना जा रहा है। प्रारंभिक तौर पर कोरोना संक्रमितों के जब आंकड़ों में इजाफा होना प्रारंभ हुआ था। उस दौर में जिला प्रशासन कोविड गाइडलाइन का पालन करने के प्रति उदासीन बना रहा। बाजार क्षेत्र के अलावा होटल, रेस्टोरेंट में मास्क की अनदेखी और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी धडल्लें से जारी रही। आंकड़ों के बढऩे बाद प्रशासन द्वारा दिशा निर्देश तो जारी किए गए लेकिन जमीनी स्तर पर मानिटरिंग नहीं की गई। जनता की ओर से नाइट कफ्र्यू, सेनेटाइजेशन की मांग सामने आने के बाद भी इसे लागू करने में देरी की गई।
स्थिति बिगडऩे का बाद भी चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर इंतजाम नहीं किए गए। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती गई, लेकिन संसाधनों को बढ़ाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई। जिसका खामियाजा उनके परिजनों को भोगना पड़ा। वहीं सिफारशों के दौर के कारण जरुरतमंदों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। यहां तक कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को स्वंय सिफारिशों पर इलाज व सुविधा उपलब्ध न कराए जाने का निर्देश जारी करना पड़ा। हालात हाथ से निकलने के बाद अब प्रशासन द्वारा अस्पतालों में आक्सीजन युक्त बेड की संख्या में इजाफा करने के संबंध में निर्देश जारी किया गया है। इस निर्देश पर कब तक अमल हो पाएगा इसकी कोई समय सीमा नहीं है। वहीं वेंटिलेटर की कमी की ओर अब भी प्रशासन का ध्यान नहीं है। शासन स्तर पर पर्याप्त आर्थिक सहयोग मिलने के बाद भी हो रही लेट लतीफी जनसामान्य के लिए घातक बनती जा रही है।