कोरोना का कहर जारी, आज मिले 1100 संक्रमित मरीज, 2 की मौत, चैन तोडऩे में नहीं मिल रही सफलता

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने की संख्या में बढ़ौतरी की सिलसिला आज भी जारी रहा। आज शनिवार को जिले के विभिन्न स्थानों से 1100 संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है। इसके साथ दो मरीजों की कोविड से मौत हुई है। प्रशासन ने इसे राहत की खबर बतातें हुए दावा किया है कि टेस्टिंग बढ़ाने से यह स्थिति निर्मित हुई है। साथ ही दो मौतों पर प्रशासन द्वारा संतोष जाहिर किया गया है।

बता दें कि जिले में कोरोना संक्रमण का फैलाव कम्यूनिटी स्प्रे के स्तर पर पहुंच गया गया है। जिससे जिले में प्रतिदिन औसतन 100 मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को जिले में 988 मरीजों की पहचान हुई थी और आज बढ़ कर 1100 हो गई है। संक्रमण की चपेट में एक ही परिवार के कई सदस्य आ रहे है। इस फैलाव को रोकने और चैन को तोडऩे के प्रशासनिक स्तर पर अब तक किए जा रहे प्रयासों में सफलता नहीं मिली है।
वहीं दावा किया जा रहा है कि मरीजों की संख्या में बढ़ौतरी का कारण टेस्टिंग में वृद्धि है। आज 4000 लोगों की कोरोना जांच की गई, जिसमें से 1100 मरीज संक्रमित पाए गए है। यानि संक्रमित मरीजों की पहचान होने का प्रतिशत 27.5 है। यह भी बताया जा रहा है कि प्रशासनिक सक्रियता और मेडिकल स्टाफ के मेहनत का असर और जागरूकता अभियान के कारण लोग सैंपल देने सामने आ रहे। जिले में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता बढ़ाने तथा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को कोरोना के बढ़ते केस के मुताबिक लगातार अपडेट करने से जिले में कोविड की वजह से होने वाली मृत्यु पर नियंत्रण पाने में आज कामयाबी मिली है।
जिला प्रशासन द्वारा किए गए विश्लेषण में पाया गया है कि जो लोग भी पॉजिटिव हो रहे हैं उसका अधिकांश कारण प्राइमरी कॉन्टेक्ट्स हैं। लोग सैंपल देने में टेस्टिंग कराने में काफी विलंब कर रहे हैं। जिसकी वजह से उनके परिवार वाले भी कोविड के शिकार हो रहे हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने अधिकाधिक सैंपल कलेक्ट करने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिए हैं। इसके लिए लगातार हॉटस्पॉट एरिया में कैंप लगाए जा रहे हैं स्ट्रीट वेंडर्स की चेकिंग कराई जा रही है इसके बूते सैंपल्स की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। जिला प्रशासन का अगला लक्ष्य यह होगा कि कोविड के मरीजों की संख्या में कमी लाई जाए। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लगभग 400 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों का चिन्हांकित कर रही हैं।